India News Delhi (इंडिया न्यूज), Mukherjee Nagar: दिल्ली में डिजास्टर मैनेजमेंट के मानकों का पालन न करने वाले सरकारी और गैर-सरकारी अस्पतालों, साथ ही कोचिंग सेंटरों की चिंता बढ़ रही है। इसका कारण है अस्पतालों में लगे बड़े एसी प्लांट्स और कोचिंग सेंटरों में एसी की व्यवस्था। गर्मियों में इन प्लांट्स पर ज्यादा लोड होता है, जो हादसे का खतरा बढ़ाता है। इसलिए, सुरक्षा के मामले में सख्ती बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। आम लोगों के सुरक्षित रहने के लिए यह कदम महत्वपूर्ण है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने दिल्ली के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) को निर्देश दिया है कि वे राजधानी में सरकारी और निजी अस्पतालों और कोचिंग सेंटरों का सर्वे करें। इस सर्वे के माध्यम से जांचा जाएगा कि क्या उन्हें आपदा प्रबंधन के मानकों का पालन करने की क्षमता है। NDMA ने DDMA से इस सर्वे की रिपोर्ट माह भर में देने का निर्देश दिया है।
इस सर्वे में जांचा जाएगा कि बिजली की मांग बढ़ने या एसी प्लांट में आग लगने की स्थिति में वहां बचाव के लिए क्या कुछ व्यवस्थाएं की गई हैं। जो अस्पताल और कोचिंग सेंटर इस मानक के अनुसार नहीं चलते, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और उन्हें बंद कर दिया जाएगा। इस महत्वपूर्ण कदम के पीछे मुख्यतः इसलिए है क्योंकि दिल्ली में गर्मी की छुट्टी में बिजली की मांग बढ़ जाती है और अस्पतालों और कोचिंग सेंटरों में अधिक बचाव की आवश्यकता होती है।
NDMA के अनुसार, यह सही आपदा प्रबंधन मानकों का पालन न करने से दुर्घटनाएं हो सकती हैं, जो लोगों की जान-माल को खतरे में डाल सकती हैं। इसके साथ ही, डीडीएमए ने सर्वे के दौरान सभी अस्पतालों और कोचिंग सेंटरों की भौतिक संरचना, आग से सुरक्षा के इंतजाम, आपातकालीन निकास और अन्य महत्वपूर्ण मानकों की जांच की जाएगी। यह कदम संभवित हादसों से बचाव के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय है, और आगामी दिनों में दिल्ली में आपदा प्रबंधन की स्थिति में सुधार की उम्मीद है।
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