India News(इंडिया न्यूज़)Mukherjee Nagar Fire Breakout: मुखर्जी नगर के एन-ब्लॉक में रविवार रात यदि समय पर मुक्ति कार्य नहीं हुआ तो कई लड़कियों की जान चली गई। इलाक़े में अभी भी ज़्यादातर में एक-एक कमरे में कई छात्र-छात्राएँ रहते हैं, जबकि 15 जून को मुखर्जी नगर के कोचिंग सेंटर में आग लगने के बाद बहुत ज़ोरदार बारिश हुई थी। उस समय उच्च न्यायालय ने मुखर्जी नगर क्षेत्र में चल रहे कोचिंग सेंटर को सख्त आदेश जारी किये थे। इसके लावारिस पेपैल लेज़ नहीं ले रहे हैं। लगातार औद्योगिक उत्पादन जारी है।
कोचिंग सेंटर में आग लगने के बाद उच्च न्यायालय ने पुलिस, फ़ायर डिपार्टमेंट और नगर निगम को कोचिंग सेंटरों की जांच के लिए कहा था। यह भी कहा गया था कि जिन कोचिंग सेंटरों को फ़ायर डिपार्टमेंट के पास एनओसी नहीं है, उन्हें बंद कर दिया जाएगा। कुछ दिन पहले लगा अब होगा बड़ा एक्शन। बीसी कोचिंग सेंटर को सील कर 80 को नोटिस जारी कर दिया गया, लेकिन समय बीतने के साथ सब कोल्ड बस्ते में डाल दिया गया।
अब फिल्म सब का कुछ किरदार ही हो गया है। अलबत्ता गुच्छों की तरह बिजली को मीटरों की सुरक्षा करने की शुरुआत जरूर की गई है, लेकिन कोचिंग सेंटर और पियलैण्ड में सभी पटाखों को उसी तरह रखा या सिखाया जा रहा है। मुखर्जी नगर के निवासी सुधा गुप्ता ने बताया कि क्षेत्र में करीब 500 से ज्यादा छोटे-बड़े कोचिंग सेंटर हैं और करीब 300 से ज्यादा पीजी भी चलाए जा रहे हैं। उनका स्टेटस किसी से छुपी हुई नहीं है। यहां मजबूर छात्रों को रहने के लिए मजबूर किया जाता है। पिपरिया के पास आग से बचे हुए लोग भी नहीं हैं।
पूरे क्षेत्र को व्यवसायिक बनाया गया है। इसके लिए कई प्लांट और आरडब्ल्यूए भी लड़ रहे हैं। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद जब यहां सर्वेक्षण किया गया तो पता चला कि मध्य 67 कोचिंग सेंटर के पास फ़ायर डिपार्टमेंट का एनओसी मौजूद है। इसके अलावा सभी कोचिंग सेंटर में डकैती का मामला चल रहा है। यहां आग से बचाव के लिए कोई स्वीकार्यता नहीं है। यहां कहा गया है कि इन कोचिंग सेंटर और पीक परलॉक को लागू किया जाता है, लेकिन शायद प्रशासन को किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार है।
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