India News(इंडिया न्यूज़)Mukherjee Nagar Fire Outbreak: दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में एक गर्ल्स पीजी हॉस्टल में भीषण आग लग गई थी। दिल्ली फायर सर्विस के निदेशक अतुल गर्ग का कहना है कि ‘कुल 20 फायर टेंडर मौके पर भेजे गए थे। कुछ लड़कियाँ इमारत में फंस गई थीं और उन्हें बचा लिया गया,करीब 35 लड़कियां थीं और सभी सुरक्षित हैं। घटना स्थल के आसपास सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई। पुलिस ने मौके पर लोगों को हटाया और फायर ब्रिगेड ने बचाव कार्य शुरू किया। फायर ब्रिगेड टीम की सही रणनीति के कारण आग पर काबू पा लिया गया और कोई हताहत नहीं हुआ।
मुखर्जी नगर पीजी में ढाई साल की बच्ची अंबी के लिए फायर ऑपरेटर अजमेर सिंह देवदूत बनकर आए। जब अजमेर तीसरी मंजिल पर बने कमरे में पहुंचा तो अंबी और उसकी मौसी वहां बेहोश पड़ी थीं। अंबी के शरीर में कोई हलचल नहीं थी। ये भी नहीं पता था कि वो जिंदा भी हैं या नहीं।
अजमेर तुरंत बिल्डिंग से बाहर अस्पताल की ओर भागे। एक बाइकर ने उनकी मदद की। संयोगवश बाइक पर सवार व्यक्ति डॉक्टर था। उन्होंने बच्ची को लगातार सीपीआर देने को कहा। अजमेर के रास्ते में उसे सीपीआर देते रहे। इसी दौरान वह अस्पताल पहुंच गए। वहां जब डॉक्टरों ने अंबी को सीपीआर दिया तो उसके शरीर में हरकत होने लगी और वह जोर-जोर से रोने लगा। बाद में उन्हें ऑक्सीजन पर रखा गया। समय पर अस्पताल पहुंचाने और सीपीआर देने के लिए सभी ने अजमेर की सराहना की। डॉक्टरों का कहना है कि अगर बच्ची को समय पर अस्पताल नहीं लाया जाता तो शायद उसकी मौत हो जाती।
डीसीपी (उत्तर पश्चिम जिला) जितेंद्र कुमार मीना ने कहा, ‘करीब 7:45 बजे आग लगने की कॉल मिली, जिसके बाद पुलिस और फायर ब्रिगेड तुरंत मौके पर पहुंची। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे सभी बच्चे सुरक्षित हैं। किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। प्रथम दृष्टया आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट लग रहा है लेकिन इसकी जांच की जाएगी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि इमारत का मालिक कुलभूषण है।
मुखर्जी नगर में गर्ल्स पीजी में लगी आग के मामले में पुलिस ने मकान मालिक कुलभूषण और पीजी चलाने वाले अमित कुमार के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। एफआईआर में लापरवाही बरतकर दूसरे की जान खतरे में डालने समेत कई धाराएं शामिल की गई हैं। गुरुवार को क्राइम टीम के अलावा एफएसएल टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए। इसके अलावा कुछ छात्राओं और पड़ोसियों के भी बयान दर्ज किए गए हैं। फिलहाल पुलिस ने जांच के लिए बिल्डिंग को सील कर दिया है।
160 गज के प्लॉट पर उन्होंने ग्राउंड फ्लोर पर पार्किंग बनाने के अलावा ऊपर चार मंजिल पीजी चलाने के लिए बनाई है। हर मंजिल पर बड़े-बड़े हॉल बनाकर और प्लाइवुड से पार्टिशन करके उनमें छात्राओं के लिए केबिन बनाए गए हैं। पूरी बिल्डिंग में कुल 45 से 46 लड़कियों को रहने की व्यवस्था की गई है। छत पर रसोई है। इमारत में प्रवेश और निकास के लिए एक दरवाजा है। इसके अलावा ऊपर जाने के लिए सिर्फ एक ही जिंदगी बची है। आग सीढ़ियों के पास लगे मीटर पैनल में लगी।