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Muslim Person Can Also Adopt A Child Delhi Court : दिल्ली की अदालत ने मुस्लिम आरोपी के पक्ष में सुनाया फैसला, मुस्लिम व्यक्ति भी गोद ले सकता है बच्चा

• LAST UPDATED : April 1, 2022

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :

Muslim Person Can Also Adopt A Child Delhi Court : दिल्ली की अदालत ने मुस्लिम आरोपी के पक्ष में अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि आरोपी मुस्लिम व्यक्ति भी बच्चा गोद ले सकता है। मिली जानकारी के अनुसार आपराधिक मुकदमे में जेल में बंद आरोपी ने बच्चा गोद लेने के लिए अदालत से पैरोल की मांग की, लेकिन अभियोजन पक्ष ने इसका विरोध करते हुए कहा कि इस्लाम में बच्चा गोद लेने का प्रावधान नहीं है। इस पर अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि किसी व्यक्ति को सिर्फ इसलिए बच्चा गोद लेने से नहीं रोका जा सकता, क्योंकि वह इस्लाम धर्म से है।

अदालत ने जेल अधीक्षक को दिया आदेश Muslim Person Can Also Adopt A Child Delhi Court 

Muslim Person Can Also Adopt A Child Delhi Court
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेन्द्र राणा की अदालत ने जेल अधीक्षक को आदेश दिया कि वह आरोपी को हिरासत में संबंधित कार्यालय लेकर जाए, जहां बच्चे को गोद लेने की प्रक्रिया के तहत आरोपी को हस्ताक्षर कराने हैं। अदालत ने अपने फैसले में स्पष्ट रूप से कहा कि किसी भी व्यक्ति को बच्चा गोद लेने से वंचित नहीं किया जा सकता। चाहे वह किसी भी धर्म का क्यो न हो? बच्चा गोद लेने का अधिकार सभी को समान रूप से प्राप्त है।

आरोपी ने अपने वकील के जरिए बच्चा गोद लेने की दायर की थी याचिका

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पेश मामले में एक मुस्लिम व्यक्ति आपराधिक मामले में आरोपी है और वह जेल मे बंद है। आरोपी ने अपनी वकील कौसर खान के जरिए बच्चा गोद लेने के लिए पैरोल की मांग संबंधी याचिका अदालत में दायर की थी। दायर याचिका में यह बताया गया था कि आरोपी को बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए कुछ जरूरी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने हैं और संबंधित अधिकारी से मिलना भी है। इसके लिए उसे हरियाणा के नूंह जाना पड़ेगा।

सरकारी वकील ने किया विरोध

अदालत में इस मामले की सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने पैरोल देने का विरोध करते हुए कहा कि इस्लाम धर्म कानूनी रूप से बच्चा गोद लेने की इजाजत नहीं देता है। क्योंकि मुस्लिम समुदाय पर धर्म से संबंधित पर्सनल लॉ लागू होते हैं। वहीं सरकारी वकील की इस दलील पर याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बेशक बच्चा गोद लेने की अनुमति नहीं देता, लेकिन जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2000 के अंतर्गत हर व्यक्ति को बच्चा गोद लेने का पूरा अधिकार है।

ऐसे में याचिकाकर्ता के इस अधिकार को महज इसलिए खत्म नहीं किया जा सकता क्योंकि वह मुस्लिम है और आपराधिक मामले में आरोपी है। उसे कानूनी रूप से बच्चा गोद लेने का पूरा अधिकार है और अदालत को इसकी अनुमति देनी चाहिए। अदालत ने दोनों वकीलों की दलीले सुनने के बाद यह आदेश सुनाया कि याचिकाकर्ता एक मुस्लिम होने के साथ ही आपराधिक मामले में आरोपी है, लेकिन इस कारण उसे कानूनों के तहत मिले अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता है। इसलिए आरोपी को बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया में शामिल होने के लिए कस्टडी पैरोल दी जाती है। ताकि वह बच्चा गोद ले सकें। (Muslim Person Can Also Adopt A Child Delhi Court)

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