गुरुग्राम में पक्षियों के लिए दाना-पानी व रहने के लिए घोंसले लगाते नवकल्प फाउंडेशन के सदस्य।
गुरुग्राम। Navkalp Foundation does this Campaign Every year गर्मी आ चुकी हैं। आगे-आगे प्रचंड गर्मी होगी। इंसान तो गर्मी से बचने के लिए अनेक प्रयास खुद के लिए कर लेता है, लेकिन बेजुबान पक्षियों (wild birds) का जीवन खतरे (danger) में पड़ जाता है। उनके लिए खाने (food) और पीने (Drinking)के पानी की समस्या हो जाती है। कंक्रीट के शहर गुरुग्राम (Gurugram)में अब उनके लिए रहने के लिए स्थान नहीं रहे। ऐसे में नवकल्प फाउंडेशन (Navkalp Foundation) ने हर साल की तरह इस साल भी पक्षियों के लिए दाना-पानी नेस्ट लगाने का अभियान शुरू कर दिया है।
शुक्रवार को नवकल्प फाउंडेशन की ओर से रेजीडेंसी ग्रीन सोसायटी से विश्व पृथ्वी दिवस से इस अभियान की शुरूआत कर दी गई। इस अवसर पर फाउंडेशन के महासचिव डा. सुनील आर्य, रेजीडेंसी ग्रीन आरडब्ल्यूए के प्रधान नरेंद्र यादव, उप-प्रधान जितेंद्र बोकन, सुधीर नागपाल, डा. योगिंद्र, डा. सुनील आर्य, राज सिंह, सूरज गर्ग, डा. कौशल, आदित्य समेत अनेक लोग उपस्थित रहे। सभी ने पेड़ों व अन्य स्थलों दाना-पानी नेस्ट लगाए।
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डा. सुनील आर्य ने कहा कि हम सबका यह कर्तव्य है कि हम अपने साथ पक्षियों, जानवरों के लिए दाना, पानी, चारे का प्रबंध करें। गुरुग्राम जैसे महानगर में ये सब इंसानों पर ही निर्भर हैं। क्योंकि यहां पर प्राकृतिक संसाधनों का अभाव है। कंक्रीट का शहर गुरुग्राम भले ही इंसानों के लिए आरामगाह बन गया हो, लेकिन बेजुबान पक्षी यहां पर पीड़ित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपने बच्चों को भी ऐसे संस्कार देने चाहिए कि वे अभी से ऐसे कार्यों में रुचि लें। उन्होंने बताया कि हम सभी को इस कार्य के लिए आगे आना चाहिए।
रेजीडेंसी ग्रीन आरडब्ल्यूए के प्रधान नरेंद्र यादव ने कहा कि नवकल्प फाउंडेशन द्वारा हर साल यह कार्य किया जाता है। उनका यह कार्य काबिले तारीफ है। जनता के जागरुक भी इस तरह से किया जा रहा है। रेजीडेंसी ग्रीन के निवासियों को भी उनका संदेश है कि वे अपने घरों में छाया वाली जगह पर पानी और दाना रखें, ताकि पक्षी अपना पेट भर सकें। उन्होंने कहा कि पक्षियों का पालन-पोषण हम जिम्मेदारी के साथ करें। उन्होंने इस बात के लिए भी नवकल्प फाउंडेशन का आभार जताया कि उन्होंने घोंसले और उनके नीचे दाना-पानी के लिए सकोरे लगवाए हैं।
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