India News Delhi (इंडिया न्यूज़), NCERT Book: NCERT ने हाल ही में अपनी नवीनतम कक्षा 12वीं की राजनीतिक विज्ञान की किताबों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इस संदर्भ में, ‘कंटेम्परेरी वर्ल्ड पॉलिटिक्स’ के दूसरे चैप्टर में भारत-चीन संबंधों पर संशोधन किया गया है। पहले पेज नंबर 25 में दिया गया वक्तव्य “दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को लेकर सैन्य संघर्ष ने उस उम्मीद को खत्म कर दिया है” को अब “भारतीय सीमा पर चीन की घुसपैठ ने उस उम्मीद को खत्म कर दिया है” में संशोधित किया गया है।
इसके अलावा, यह किताबों में आजाद पाकिस्तान से लेकर चीन की घुसपैठ और पीओके जैसे शब्दों को भी जोड़ा गया है। ये बदलाव छात्रों के लिए समझने में सहायक होंगे और उन्हें समक्ष वर्तमान राजनीतिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करेंगे।
एनसीईआरटी ने हाल ही में अपनी 12वीं की किताब ‘पॉलिटिक्स इन इंडिया सिंस इंडिपेंडेंस’ में भी महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं। इस किताब में भारत-पाकिस्तान संबंधों से जुड़े विषयों पर बदलाव किए गए हैं। पहले पेज नंबर 119 में कहा जाता था कि भारत ने इस क्षेत्र पर अवैध रूप से कब्जा किया गया है और पाकिस्तान इसे ‘आजाद पाकिस्तान’ कहता है। लेकिन अब इसमें संशोधन करके कहा गया है कि यह भारतीय क्षेत्र है, जिस पर पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्जा किया है, और इसे ‘पाकिस्तान के कब्जे वाला जम्मू कश्मीर’ (पीओजेके) कहा जाता है।
एनसीईआरटी ने अपने नवीनतम पाठ्यक्रम में कई महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं, जिसमें आर्टिकल 370 को लेकर भी बदलाव शामिल हैं। एनसीईआरटी की कक्षा 12वीं की किताब ‘पॉलिटिक्स इन इंडिया सिंस इंडिपेंडेंस’ में पेज नंबर 132 पर आर्टिकल 370 को हटाए जाने का वर्णन है। पहले किताब में इसे जम्मू-कश्मीर के लिए विशेष प्रावधान माना गया था, लेकिन अब उसे राष्ट्रपति द्वारा अगस्त 2019 में हटाया गया बताया गया है।
इसके अतिरिक्त, गुजरात दंगों को अब ‘मुस्लिम विरोधी दंगे’ कहा जा रहा है, इमरजेंसी के समय के विवादों पर संशोधन किया गया है, और बाबरी मस्जिद को ‘3 डोम स्ट्रक्चर’ बताया गया है। अयोध्या विवाद को मैत्रीपूर्ण ढंग से सुलझाने का मुद्दा भी परिस्थितियों के अनुसार प्रस्तुत किया गया है। इन संशोधनों के माध्यम से, छात्रों को वर्तमान राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियों के साथ जुड़ा हुआ पाठ्यक्रम प्राप्त होगा, जिससे उनकी समझ में बेहतरीनी होगी।
नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने बताया कि स्कूली पाठ्यक्रम में किए गए बदलावों का लक्ष्य सकारात्मकता को बढ़ाना है। उन्होंने इस बात का समर्थन किया कि पाठ्यक्रम में भगवाकरण के प्रयास नहीं किए गए हैं, लेकिन दंगों और ऐतिहासिक घटनाओं को समझाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि ये बदलाव छात्रों में समझदारी और सकारात्मक सोच को बढ़ाने के लिए किए गए हैं।
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