India News(इंडिया न्यूज़)New Dengue Strain: दिल्ली में डेंगू का खतरा बढ़ते ही जा रहा है। आए दिन डेंगू के नए मामले और नए नाम सुनने को मिल रही है। ऐसे में डेंगू का एक और नया नाम सामने आया है, जो पहले से काफी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। डेंगू के इस स्ट्रेन को टाइप-1 स्ट्रेन से अधिक खतरनाक माना जा रहा है। इस डेंगू के नए नाम की पहचान DEN 2 स्ट्रेन के नाम से हुई है। बता दे कि दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से डेंगू में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। DEN 2 स्ट्रेन की बीमारी बहुत चिंता जनक है। दिल्ली में डेंगू का मामला इतना बढ़ गया है कि आए दिन दिल्ली के अस्पतालों में मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है।
नोएडा में डेंगू के 50 से अधिक सैंपल जांच के लिए लखनऊ भेजे गए थे जिनमें से 17 में DEN 2 स्ट्रेन पाया गया है। गाजियाबाद में भी डेंगू के मामलों में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। यह संख्या 400 के पार पहुंच गई है। वैसे तो मच्छरों से जनित बीमारियां पूरे साल होती हैं लेकिन पानी के जमाव और बारिश के मौसम के कारण में इनकी संख्या में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है।
डेंगू के लक्षणों के बारे में बात करें तो इनमें बुखार, शरीर पर दाने/चकत्ते और सिर व शरीर में दर्द जैसी लक्षण देखने को मिलती है। बता दे कि डेंगू के कुछ मामले खतरनाक है जो जानलेवा साबित हो सकते है। जो लोग दूसरी बार डेंगू वायरस से संक्रमित होते हैं उनमें ज्यादा प्रभावित होने की आशंका होती है। डेंगू की अगर समय पर पहचान कर ली जाए तब इससे बचाव में मदद भी मिल सकती है।
बता दे कि DEN 1 स्ट्रेन के लक्षणों में बुखार और शरीर में दर्द जैसे लक्षण देखने को मिलता हैं, तो वहीं टाइप-2 यानी DEN 2 स्ट्रेन में बेहद तेज बुखार, उल्टी, गले में सूजन, छाती में लाल चकत्ते और सिर दर्द जैसे अन्य लक्षण पाए जाते हैं। इस स्ट्रेन के कारण प्लेटलेट्स में भी तेजी से गिरावट देखने को मिलती है।
वैशाली स्थित मैक्स सुपर स्पेसियालिटी हॉस्टिपटल के निदेशक डॉक्टर अजय कुमार गुप्ता ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, DEN 2 स्ट्रेन मल्टी आर्गन फेल्योर (Multiple Organ System Failure) का भी कारण बनता है। वे कहते हैं, ‘इस समय’ डेंगू के ज्यादातर मरीज तेज बुखार, शरीर में दर्द के साथ-साथ उल्टी से परेशान हैं। 5 से 10 फीसदी पेशेंट्स में ऐसे लक्षण लंबे समय से हैं। यदि इन मामलों ध्यान न दिया जाए तो आर्गन फेल्योर के कारण स्थिति खराब हो सकती है। यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि प्लेटलेट्स में गिरावट ही इनफेक्शन के बारे में पता नही चलता है। ऐसे मामलों में जल्द जांच कराना चाहिए।