India News Delhi (इंडिया न्यूज़), NGT Delhi: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने पिछले महीने के गाजीपुर लैंडफिल स्थल में हुई भीषण आग की घटना पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों से पांच सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। पिछले महीने की 21 अप्रैल को गाजीपुर लैंडफिल स्थल में लगी आग की घटना के संबंध में एक अखबार की रिपोर्ट के स्वत: संज्ञान लेने के बाद एनजीटी ने मामले की सुनवाई की। एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल ने कहा कि समाचार रिपोर्ट ने पर्यावरण मानदंडों के अनुपालन से संबंधित एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है।
सन् 2022 में भी इसी स्थल पर एक ऐसी ही आग लग चुकी थी, और जनवरी के महीने में ट्रिब्यूनल ने दिल्ली सरकार पर 900 करोड़ रुपये का पर्यावरणीय मुआवजा लगाया था, साथ ही उपचारात्मक उपायों के लिए निर्देश जारी किए थे। ट्रिब्यूनल ने पिछले साल यह देखा था कि दिल्ली सरकार और उसकी संबंधित अधिकारियों ने आग लगाने से रोकने के लिए न्यूनतम मानकों का भी पालन नहीं किया था।
पिछले महीने के गाजीपुर लैंडफिल स्थल में भीषण आग लगने के मामले में, राष्ट्रीय हरित अधिकारी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के आयुक्त को सम्मिलित किया है। उन्होंने मामले के प्रतिवादी के रूप में डीपीसीसी के सदस्य और पूर्वी दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट को भी शामिल किया है।अधिकारी ने कहा,”मामले के महत्वपूर्ण मुद्दे को ध्यान में रखते हुए, हमने सभी प्रतिवादियों को पांच सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट या जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।”
उन्होंने डीपीसीसी के वकील की तरफ से उसकी दलील पर ध्यान दिया, जिसमें कहा गया कि पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम के संशोधन के कारण समिति को पर्यावरणीय जुर्माना लगाने की शक्ति नहीं है। उन्होंने इस बारे में कहा, “सीपीसीबी को इसके लिए जिम्मेदार व्यक्तियों या प्राधिकारी पर लगातार उल्लंघन पर पर्यावरणीय जुर्माना लगाने के मुद्दे की जांच करने और पांच सप्ताह के भीतर न्यायाधिकरण के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए नोटिस जारी किया जाना चाहिए।’’ हम आपको बता दें कि मामले की अगली सुनवाई छह अगस्त को होगी।
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