India News(इंडिया न्यूज: केजरीवाल के सरकार जब से सत्ता में आई अधिकारियों के तबादले संबंधित मुद्दों ने जोर पकड़ लिया. दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल हमेशा इस मामले पर आमने सामने दिखाई देते थे, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस मुद्दे पर विुराम लग गया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अधिकारियों के तबादले संबंधित अधिकार दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास होनी चाहिए, इसका अधिकार हम उपराज्यपाल को नहीं दे सकते क्योंकि उपराज्यपाल मनोनीत होते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले से दिल्ली के मुख्यमंत्री को पावरफुल बनाते हुए, उपराज्यपाल की शक्तियों को सीमित कर दिया है. जिसके बाद से आम आदमी पार्टी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार भी अब हरकत में नजर आ रही है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा सेवाओं के मामले में फैसले के कुछ घंटे बाद विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा कि सदन की समितियों के सामने पेश नहीं होने वाले नौकरशाहों को अब नियमों पर चलना होगा.
अपने फैसले में शीर्ष अदालत ने कहा कि दिल्ली सरकार के पास सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और भूमि को छोड़कर सेवाओं पर विधायी और कार्यकारी शक्तियां हैं. साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार को अधिकारियों के उपर नियंत्रण रखने का अधिकार होगा. अधिकारी चुनी हुई सरकार के प्रति उत्तरदायी होंगे. इसपर दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष गोयल ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार अब पूरी गति से काम करेगी, क्योंकि अधिकारियों को ठीक से काम करना होगा.
Delhi: पहले हुआ था इन अधिकारियों से केजरीवाल का टकराव…अब लेंगे एक्शन?
अधिकारियों को अब हाउस कमेटियों के सामने पेश होना होगा और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विधायकों द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब भी देना होगा. उन्हें ठीक से काम करना होगा क्योंकि तबादला और पोस्टिंग अब दिल्ली सरकार के तहत आ गई है.