NV Ramana: भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण ने आज रविवार को देश की अदालतों को लेकर बड़ी बात कही है। आपको बता दे कि एन वी रमण ने कहा कि अदालतों को निष्पक्ष हो कर काम करना चाहिए और जनता के फैसलों से लोकतंत्र में सुधार होना चाहिए। पर कुछ स्थितियों में अदालतों से विपक्ष की भूमिका निभाने या उसे दबाने की उम्मीद की जाती है।
चीफ जस्टिस एनवी रमना का कहना है कि लोकतंत्र को बचाना देश के हर नागरिक की जिम्मेदारी है। उन्होंने आर्टिकल 38 का हवाला दिया। उन्होने कहा कि समाज में हर तरह के न्याय को सुनिश्चित करना राज्य की भी जिम्मेदारी है। राज्य के हर अंग को ऐसे काम करना चाहिए, जिससे संविधान खतरे में न पड़े।
सीजेआई ने पेडिंग केसों पर निराशा जताई है। उन्होंने बताया कि देशभर में 4 करोड़ केस पेंडिग हैं। अकेले सुप्रीम कोर्ट में 70 हजार से अधिक विचाराधीन मामले हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कोर्ट बंद पड़े थे। ऐसे समय में लगातार केस बढ़ते गए और उन पर सुनवाई नहीं हो पाई।
रमण ने कहा, न्यायालयों को निष्पक्ष संस्थान होना चाहिए। लोकतंत्र की यात्रा में जनता के लिए फैसला ही सुधार का एकमात्र तरीका है। लेकिन कुछ स्थितियों में यह उम्मीद की जाती है कि अदालतें विपक्ष की भूमिका निभाएंगी या उसे दबाएंगी। पूर्व सीजेआई ने कहा कि एक स्वर में बोलना एक स्वस्थ लोकतंत्र का संकेत नहीं है और न्यायिक संस्थान के साथ-साथ लोकतंत्र के लिए विविध विचार आवश्यक हैं।
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