India News (इंडिया न्यूज़) : स्वतंत्रता दिवस यानि 15 अगस्त के मौके पर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए नेहरू मेमोरियल का नाम बदल दिया है। अब नेहरू मेमोरियल को पीएम म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (PMML) के नाम से जाना जाएगा। बता दें कि बीते 15 जून को नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी की एक विशेष बैठक में इसका नाम बदलकर प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी करने का फैसला किया गया था। अब इसे औपचारिक रूप दे दिया गया है। ‘नेहरू मेमोरियल’ का नाम बदलने पर विपक्ष भड़क उठा है। इस मुद्दे पर कांग्रेस नेताओं द्वारा पीएम पर किये गए आलोचनाओं का भाजपा नेताओं ने जवाब दिया है।
कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने जवाब देते हुए कहा है कि, ”कांग्रेस पार्टी और जयराम रमेश और पीएम नरेंद्र मोदी की सोच में बुनियादी अंतर है। वे (कांग्रेस) सोचते हैं कि केवल नेहरू जी और परिवार ही मायने रखते हैं। नरेंद्र मोदी ने देश के सभी पीएम को म्यूजियम में सम्मानजनक स्थान दिया।”लाल बहादुर शास्त्री को वहां जगह क्यों नहीं मिली? वहां न तो इंदिरा गांधी थीं, न राजीव गांधी, न मोरारजी देसाई, न चौधरी चरण सिंह, न अटल बिहारी वाजपेयी, न आईके गुजराल, न एचडी देवेगौड़ा। जब सभी प्रधानमंत्रियों को जगह मिल रही है तो यह प्रधानमंत्री स्मृति पुस्तकालय बन रहा है।”
‘नेहरू मेमोरियल’ का नाम बदलने पर विपक्ष के आरोपों पर जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है कि “ये देश सबका है। देश किसी व्यक्ति से नहीं बल्कि व्यवस्था और संस्था से होता है। ये लोकतंत्र है। प्रधानमंत्री एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक संस्था हैं। इसलिए, संग्रहालय उन सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित किया गया है जिन्होंने इस देश की सेवा की।”
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