इंडिया न्यूज, नई दिल्ली : बिजली चोरी के मामले की सुनवाई करते हुए सिविल जज विक्रांत की अदालत ने बिजली निगम द्वारा उपभोक्ता पर बिजली चोरी के लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया है। बिजली निगम को आदेश दिए हैं कि उपभोक्ता द्वारा जमा कराई गई 2 लाख 77 हजार 977 रुपए धनराशि को 9 प्रतिशत ब्याज दर से उपभोक्ता को वापिस की जाए।
उपभोक्ता ने बिजली निगम के इन आरोपों को अपने अधिवक्ता क्षितिज मेहता के माध्यम से अदालत में 26 नवम्बर 2018 को बिजली निगम के खिलाफ केस फाइल करा दिया था। अधिवक्ता ने बताया कि पालम विहार के ललित शर्मा का बिजली कनेक्शन उनकी मां लक्ष्मी देवी के नाम पर है। बिजली निगम ने 15 अक्टूबर 2015 को यह आरोप लगाते हुए कहा कि उनका मीटर चैकिंग के दौरान टैंपर्ड पाया गया है।
जिस पर उन पर 2 लाख 77 हजार 977 रुपए रुपए का जुमार्ना निगम ने लगा दिया था। कहीं बिजली का कनेक्शन न कट जाए, इस डर से उन्होंने जुमार्ना राशि जमा कर दी थी। इस मामले की सुनवाई सिविल जज विक्रांत की अदालत में हुई। बिजली निगम द्वारा अदालत में जो दस्तावेज व गवाह पेश किए गए, उनसे उपभोक्ता पर बिजली चोरी के लगे आरोप सिद्ध नहीं हो सके, जिस पर अदालत ने बिजली निगम को आदेश दिए हैं कि जमा कराई गई जुमार्ना राशि 9 प्रतिशत ब्याज दर से वापिस की जाए।
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