इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Ozone Gas : ओजोन गैस के कारण धरती गर्म हो रही है। यह एक नए शोध में पता चला है कि ओजोन गैस धरती को ठंडा करने वाले तंत्रों में से एक को कमजोर कर सकती है। जिससे धरती का तापमान बढ़ सकता है। अगर ऐसा हुआ तो धरती पर पहले की तुलना में अधिक ग्रीनहाउस गैस बन सकती है। शोध से यह पता चला है कि दक्षिणी महासागर में ओजोन गर्मी को बढ़ा रहा है।
अध्ययन से यह पता चला है कि ओजोन जलवायु परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। अध्ययन से यह भी पता चला है कि धरती के ऊपरी और निचले वातावरण में ओजोन के स्तर में परिवर्तन 20वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में अंटार्कटिका से लगे समुद्र में देखा गया था। जो लगभग एक तिहाई वार्मिंग के लिए जिम्मेदार था। वायुमंडलीय रसायन विज्ञान में एसोसिएट प्रोफेसर और अध्ययन के लेखकों में से एक डॉ. माइकेल हेगलिन ने कहा कि पृथ्वी की सतह के करीब ओजोन मनुष्य और पर्यावरण के लिए हानिकारक है।
अध्ययन यह भी ज्ञात हुआ है कि समुद्र के वातावरण से अतिरिक्त गर्मी को अवशोषित करने की समुद्र की क्षमता पर भी बड़ा प्रभाव डालता है। उन्होंने कहा कि ये निष्कर्ष आंखें खोलने वाले हैं और ओजोन के स्तर में वृद्धि से वैश्विक तापमान में और वृद्धि को रोकने के लिए वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की जरूरत है। शोधकतार्ओं की टीम ने 1955 और 2000 के बीच ऊपरी और निचले वातावरण में ओजोन स्तरों में बदलाव का अनुकरण करने के लिए एक मॉडल का इस्तेमाल किया। (Ozone Gas )
इसका उद्देश्य यह था कि ओजोन के अन्य प्रभावों से अलग किया जा सके। इसके साथ ही दक्षिणी महासागर की गर्मी पर इसके प्रभाव को समझा जा सके। इन सिमुलेशन से यह ज्ञात हो चुका है कि ऊपरी वायुमंडल में ओजोन की कमी और निचले वायुमंडल में वृद्धि के कारण उच्च अक्षांशों में समुद्र के पानी के ऊपरी दो किलोमीटर तक समग्र ग्रीनहाउस गैस में वृद्धि के कारण वार्मिंग में योगदान दिया है। इस वार्मिंग से मानव जीवन काफी प्रभावित होगा। इसका समय रहते निराकरण के लिए यथा संभव कार्य किए जाने चाहिए। (Ozone Gas)
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