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Parliament: सांसदों के सस्पेंशन का साइड इफेक्ट, अब तक 92 सांसद सदन से निलंबित, जानें कितनी बची है विपक्ष की ताकत

• LAST UPDATED : December 19, 2023

 India News(इंडिया न्यूज़), Parliament: संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान सोमवार (18 दिसंबर) को कुल 78 विपक्षी सांसदों को लोकसभा और राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया। इस सत्र के दौरान अब तक निलंबित सांसदों की कुल संख्या 92 है। सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार (19 दिसंबर) से इंडिया अलायंस संसद के शेष सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करेगा। आइए जानते हैं कि मौजूदा सत्र स्थगित होने के बाद लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष की कितनी ताकत बची है।

सांसदों के सस्पेंशन का साइड इफेक्ट

पीटीआई के मुताबिक, सोमवार को 78 सांसदों के निलंबन के साथ, विपक्षी गठबंधन भारत ने राज्यसभा में अपनी लगभग आधी ताकत और लोकसभा में एक तिहाई खो दी है। सांसदों को अभद्र व्यवहार और स्पीकर के निर्देशों की अवहेलना के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।

राज्यसभा और लोकसभा में विपक्षी सांसद (Parliament)

इंडिया अलायंस के राज्यसभा में 95 सांसद हैं, जिनमें से 45 को सोमवार को निलंबित कर दिया गया। गठबंधन के घटक दल आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह दिल्ली शराब नीति मुद्दे पर जेल में हैं और पहले से ही निलंबित हैं। वहीं, विपक्षी खेमे के पास लोकसभा में कुल 133 सांसद हैं, जिनमें से 46 यानी करीब एक तिहाई निलंबित हैं। इन 46 सांसदों में वे 33 सांसद शामिल हैं जिन्हें सोमवार को निलंबित किया गया था और अब 13 सदस्य इसमें शामिल है।

इन नेताओं को विपक्ष से मोर्चा लेना होगा

अपने अधिकांश नेताओं के निलंबन के बाद, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अब राज्यसभा में गठबंधन हमले का नेतृत्व करना होगा, जबकि लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी कमान संभाल सकते हैं। वहीं, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, सीपीआई-एम फ्लोर लीडर इलामारम करीम और डीएमके फ्लोर लीडर तिरुचि शिवा को भी खड़गे के साथ राज्यसभा में विपक्ष का नेतृत्व करना होगा क्योंकि अन्य निलंबित हैं।

बीजेपी ने लगाए ये आरोप

विपक्षी सांसदों के निलंबन से सियासी घमासान शुरू हो गया है। विपक्षी नेताओं ने निलंबन को लोकतंत्र की हत्या करार किया गया  है। वहीं, बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने दावा किया कि ऐसा करना जरूरी था क्योंकि विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति का अपमान किया। उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसद तख्तियां लेकर आए और जानबूझकर संसदीय कार्यवाही बाधित की, जबकि पहले यह निर्णय लिया गया था कि सदनों में तख्तियां ले जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

आपको बता दें कि विपक्षी सांसद लगातार संसद की सुरक्षा में चूक के मामले पर केंद्रीय गृह मंत्री के बयान और इस मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे हैं, जिसके चलते हंगामा हो रहा है। विपक्षी सांसदों के निलंबन के बाद अब सरकार राज्यसभा में भी कोई भी बिल आसानी से पास करा सकती है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को यह भी आरोप लगाया कि ‘विपक्ष-विहीन संसद में, मोदी सरकार अब बहुमत के बल पर बिना किसी चर्चा, बहस या असहमति के महत्वपूर्ण लंबित कानून पारित कर सकती है!’

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