इंडिया न्यूज,नई दिल्ली ।
Patients are facing problems due to seeking report of corona negative : दिल्ली में कई प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों की जांच करने या आॅपरेशन से पहले उनसे हर बार कोरोना निगेटिव अर्थात आरटीपीसीआर की रिपोर्ट मांगी जा रही है जिसकी वजह से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । एक अस्पताल में इलाज करवा रहे पूर्वी दिल्ली के राजीव कुमार अब तक तीन बार कोविड जांच करा चुके हैं। न्यूरो से जुड़ी एक बीमारी के चलते राजीव बीते काफी समय से परेशान हैं लेकिन यहां उनसे कहा गया कि भर्ती होने से पहले मरीज को आरटी पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट साथ लाना जरूरी है।
हालांकि एक बार लैब पर मौजूद कर्मचारी की लापरवाही से उन्हें समय पर रिपोर्ट नहीं मिली जिसके चलते उन्हें फिर से जांच करानी पड़ी। इसके बाद वे भर्ती हुए लेकिन करीब तीन दिन बाद आॅपरेशन से पूर्व फिर से उन्हें कोरोना संक्रमण का टेस्ट करवाना पड़ा। इस मामले में संपर्क के बाद भी अस्पताल प्रबंधन से प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई। वहीं एम्स,सफदरजंग व लोकनायक अस्पतालों में नियमों में बदलाव किया गया है । अगर कोरोना के लक्षण नहीं है तो टेस्ट करने की आवश्यकता भी नहीं है ।
राजधानी के कई बड़े प्राइवेट अस्पतालों में भी मरीजों को भर्ती करते वक्त आरटी पीसीआर निगेटिव जांच रिपोर्ट की मांग की जा रही है। रोहिणी सेक्टर नौ निवासी शोभा गुप्ता बताती हैं कि रोहिणी और नांगलोई तक के कई अस्पतालों में यह प्रक्रिया चल रही है।
लोकनायक, सफदरजंग और दिल्ली एम्स से संपर्क करने पर पता चला कि उनके यहां जांच से जुड़े नियमों में बदलाव किया जा चुका है। जिन मरीजों में कोरोना संक्रमण के लक्षण नहीं हैं उन्हें जांच कराने की आवश्यकता भी नहीं है। यह व्यवस्था राजधानी में कोरोना की दैनिक संक्रमण दर में कमी आने के बाद शुरू की गई। वर्तमान में संक्रमण दर एक फीसदी से भी काफी नीचे है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उनके यहां बीते नौ फरवरी को निर्देश जारी कर आईसीएमआर के नए नियमों के बारे में सूचित किया था। अभी एम्स में मरीज को भर्ती करने या फिर आपरेशन से पहले आरटी पीसीआर जांच रिपोर्ट अनिवार्य नहीं है।
Patients are facing problems due to seeking report of corona negative