इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली :
राजधानी दिल्ली में बीते बुधवार हुई वर्षा के कारण गर्मी से काफी आराम मिला है और इसके चलते भीषण गर्मी का तापमान भी काफी नीचे गया है। इसके साथ ही दिल्ली में गर्मी की वजह से बढ़ रही बिजली की डिमांड पर भी ब्रेक लगता हुआ दिखाई दिया है।
बीते गुरुवार को शाम 4 बजे दिल्ली में बिजली की मांग 5218 मेगावट रिपोर्ट में दर्ज की गई है जो कि 2 मई की तुलना में करीबन एक हजार मेगावाट तक कम है। दिल्ली में बिजली की डिमांड 2 मई को 6,247 मेगावाट 11.30 बजे थी और 6,194 मेगावाट दोपहर 3.34 बजे दर्ज की गई थी।
बिजली पूर्ति विभाग अधिकारियों द्वारा कहा गया है कि राज्य में बिजली भार घर में चलने वाले एयर कंडीशनर, कूलर और पंखे से आता है। अगर बीतें कुछ सालों में राजधानी की बढ़ती मांग के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो, दिल्ली में साल 2021 में 4,420 मेगावाट, 2020 में 3,522 मेगावाट और मई के पहले हफ्तें में 2019 में 5,808 मेगावाट बिजली की मांग रिपोर्ट में दर्ज की गई।
इस साल पर नजर डालें तो गर्मी में दिल्ली की सबसे अधिक ऊर्जा की मांग पहली बार 8,000 मेगावाट के उपर भी जा सकती है और यहां तक कि करीबन 8,200 मेगावाट तक पहुंच सकती है, राज्य की सबसे ज्यादा बिजली की मांग बीते साल 2018 की गर्मियों में पहली बार 7,016 मेगावाट पर 7,000 मेगावाट को भी क्रॉस कर गई थी। साल 2020 की गर्मियों के दौरान पीक बिजली की मांग 6,314 मेगावाट और 2021 में 7,323 मेगावाट थी।