होम / People Making Grave Over The Grave : पैसे का लालच देकर कराची में कब्र के उपर कब्र बनवा रहे हैं लोग

People Making Grave Over The Grave : पैसे का लालच देकर कराची में कब्र के उपर कब्र बनवा रहे हैं लोग

• LAST UPDATED : April 14, 2022

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
People Making Grave Over The Grave : पाकिस्तान के शहर कराची में कब्रिस्तानों में मृतकों को दफनाने का जगह नहीं बचा है। जिससे लोग मजबूर होकर पहले से दफनाए गये मृतकों के कब्रों को तोड़कर दूसरे शवों को दफनाया जा रहा है। 1.6 करोड़ की आबादी वाले इस तटीय शहर में पुराने मकबरे टूटे हुए असानी से देखे जा सकते हैं। कब्रिस्तान (Graveyard) में जगह के संकट के कारण अब कब्र माफिया (grave mafia) हावी हो गए हैं।

जगह की कमी होने के कारण माफियाओं को चुकाने पड़ते है भारी रकम People Making Grave Over The Grave

People Making Grave Over The Grave

क्रबिस्तान में जगह का संकट इतना गहरा गया है कि लोग अपने परिजनों के शवों को दफनाने के लिए कब्र माफियाओं को भारी भरकम रकम देने को मजबूर हैं। कराची में लगभग 250 कब्रिस्तान हैं लेकिन कमोबेश अब यह स्थिति हर जगह की है। कराची के 39 कब्रिस्तानों का प्रबंधन करने वाले कराची मेट्रोपॉलिटन कॉरपोरेशन (केएमसी) के प्रवक्ता अली हसन साजिद ने बताया कि वास्तविक समस्या यह है कि बुनियादी ढांचा अपर्याप्त है। जिससे यह समस्या उत्पन्न हुआ है। शहर का बुनियादी ढांचा वही है जो पाकिस्तान के स्थापना के समय था। शहर की जनसंख्या हर साल बढ़ रही है। ऐसे में जगह का संकट का ही नतीजा है कि कब्र खोदने वाले माफिया का बोलबाला हो गया है।

शव दफनाने की जगह नहीं होने के कारण तोड़ी जा रही हैं पुरानी कब्रें

कब्र माफिया खलील अहमद ने बताया कि कराची के किसी भी कब्रिस्तान में शव दफनाने की जगह नहीं है। इसलिए पुरानी कब्रें तोड़ी जा रही हैं। कराची में सरकारी दफन शुल्क 7,900 रुपये है, लेकिन दो स्थानीय लोगों ने गत साल अपने परिजन के शव को दफनाने के लिए 55,000 और 175,000 रुपए तक का भुगतान किया था। यह शुल्क यहां काम करने वाले 40 मजदूरों के बीच बांटी जाती है।

People Making Grave Over The Grave

लोगों के मजबूरी का फायदा उठा रहे कब्र माफिया

पाकिस्तान में लोग कब्र माफिया को दूध माफिया, चीनी माफिया और भू-माफिया की तरह देखते है। जो अवसरों का लाभ उठाने वाले भ्रष्टाचारी हैं। उन पर यह आरोप लगाया जाता है कि वे देश की बढ़ती जनसंख्या (growing population) से उपजी विषम परिस्थिति का लाभ उठा रहे हैं। कराची की आबादी बढ़ने के कारण कब्र माफियाओं का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। उनका यह कारोबार कराची के अलावा रावलपिंडी, पेशावर और लाहौर में भी तेजी से बढ़ रहा है। (People Making Grave Over The Grave)

कब्र माफियाओं के सक्रिय होने के कारण आखिरी निशानी बचाना मुश्किल

कब्र माफियाओं के सक्रिय होने के कारण परिजनों की अंतिम याद बचना लोगों के लिए अब चुनौती बन गया है। कुछ लोग तो नियमित तौर पर पने पूर्वजों के कब्रों की निगरानी करते मिल जाते है। वहीं ,जो लोग कुछ समय बाद पर्ू्वजों के आखिरी निशानी को देखने आते हैं तो कब्र के ऊपर किसी और के पूर्वज के नाम का पत्थर दिखाई देता है। शहर के कोरंगी कब्रिस्तान में पिता की कब्र पर इबादत करने पहुंचे मुहम्मद मुनीर ने बताया कि पिता की आखिरी निशानी गायब है।

जनसंख्या बढ़ना है समस्या का मूल वजह

पाकिस्तान जनसंख्या के हिसाब से विश्व में पांचवे स्थान पर है। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार 2020 में देश की जनसंख्या 22.08 करोड़ थी। यानी देश की जनसंख्या विश्व की कुल जनसंख्या के 2.83 प्रतिशत के बराबर है। जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ रहा है, वैसे-वैसे लोगों का ग्रामीण इलाकों से शहरों की ओर पलायन हो रहा हैं। 2020 के आंकड़ों के अनुसार, देश की 35.1% आबादी शहरी है।

कब्र खोदने के लिए कब्र खुददों की तय है फीस

इस्लाम की हदीसों के अनुसार मौत के 40 दिन बाद तक कब्र के निशान मिट जाएं। पक्की कब्रों की मनाही है। इसीलिए पुरानी कब्रों पर नई मिट्टी चढ़ा दी जाती है। कब्र खोदने को कब्र खुददों की फीस तय है। लोग अलग से भी फीस देते है। कब्रों की पहचान कर महज शबेरात में ही मिट्टी चढ़वाई जाती है। ईसाइयों के कबिस्तानों की संख्या अधिक है जबकि अब आबादी कम है। इसलिए वहां ऐसी परेशानी बहुत ही कम है। (People Making Grave Over The Grave)

Also Read : Demand To Keep Meat Shops Closed During Navratri : पूर्वी दिल्ली के मेयर ने की नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानें बंद रखने की मांग

Connect With Us : Twitter | Facebook Youtube 

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox