India News(इंडिया न्यूज़), PM MODI: आज बजट सत्र का आखिरी दिन है और सुबह 11 बजे लोकसभा की शुरुआत राम मंदिर निर्माण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के साथ हुई। लोकसभा में राम मंदिर पर चर्चा के दौरान PM मोदी ने कहा कि 17 वीं लोकसभा में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, ये पांच साल देश में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के थे। ऐसा बहुत कम होता है कि सुधार और प्रदर्शन दोनों होते हैं और हम परिवर्तन को अपनी आंखों के सामने देख सकते हैं… देश 17वीं लोकसभा के माध्यम से इसका अनुभव कर रहा है और मेरा दृढ़ विश्वास है कि देश 17वीं लोकसभा को आशीर्वाद देना जारी रखेगा।”
पीएम ने लोकसभा में कहा, “भारत को G20 की अध्यक्षता का अवसर मिला और भारत को बहुत बड़ा सम्मान मिला। देश के हर राज्य ने भारत की क्षमता और अपनी पहचान दुनिया के सामने रखी। जिसका प्रभाव आज भी विश्व के मानस पटल पर है।”
कोविड के चुनौतीपूर्ण समय को याद करते हुए PM मोदी बोले, “मैं संसद सदस्यों के प्रति अपना आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिन्होंने जरूरत के समय बिना सोचे-समझे अपने विशेषाधिकार छोड़ने का फैसला किया। भारत के नागरिकों को प्रेरित करने के लिए माननीय सदस्यों ने अपने-अपने वेतन और भत्ते में 30 फीसदी की कटौती करने का निर्णय लिया।
PM मोदी ने कहा, “मैं माननीय सांसदों का भी इस बात के लिए आभार व्यक्त करता हूं कि संकट काल में देश की आवश्यकताओं को देखते हुए सांसद निधि छोड़ने का प्रस्ताव जब मैंने माननीय सांसदों के सामने रखा, तो एक पल के विलंब के बिना सभी सांसदों ने इस प्रस्ताव को मान लिया।”
पं मोदी बोले, “हमने आतंकवाद के विरुद्ध सख्त कानून बनाए। मुझे पक्का यकीन है उसके कारण जो लोग ऐसी समस्या से जुझते हैं, उनको एक बल मिला है। भारत को पूर्ण रूप से आतंकवाद से मुक्ति का एक अहसास हो रहा है और वो सपना भी पूर्ण होकर रहेगा।”
PMबोले, “17 वीं लोकसभा के माध्यम से कई काम पूरे हुए। अनेक पीढियों ने एक संविधान इसके लिए सपना देख था, लेकिन हर पल संविधान में वो दरार दिखाई देती थी। इसी सदन ने अनुच्छेद 370 हटाकर संविधान के पूर्ण रूप का प्रगतिकरण हुआ। जम्मू कश्मीर के लोगों को न्याय से वंचित रखा गया था। आज उन्हें भी न्यााय मिल रहा है।”
तीन तलाक पर PM मोदी ने कहा, “कितने उतार चढ़ाव से हमारी मुस्लिम बहनें तीन तलाक का इंतजार कर रहीं थी। अदालतों ने उनके पक्ष में निर्णय दिए थे, लेकिन उन्हें वो हक नहीं मिल रहा था । मजबूरियों से गुजारा करना पड़ता था। तीन तालाक से मुक्ति का और नारी शक्ति के सम्मान का काम 17वीं लोकसभा ने किया है।”