India News Delhi (इंडिया न्यूज़), PM Modi Journey: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आज आएंगे और यह साफ हो जाएगा कि देश में अगली सरकार किसकी बनने जा रही है। देश में 543 सीटों के लिए सात चरणों में मतदान हो चुका है, अभी तक के रुझानों के हिसाब से लगता है कि देश में एक बार फिर मोदी सरकार सत्ता में आ रही है। इन चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के लिए जमकर प्रचार किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर में हुआ था। उनके पिता दामोदरदास मूलचंद मोदी और मां का नाम हीराबेन था। मोदी की शुरुआती शिक्षा वडनगर के भागवताचार्य नारायणाचार्य स्कूल से हुई। उन्हें बचपन से ही अभिनय, वाद-विवाद प्रतियोगिता और नाटकों में काफी रुचि थी। इसके चलते उन्होंने स्कूल के समय में कई पुरस्कार जीते। स्कूली शिक्षा के दौरान वे एनसीसी के कैडेट भी रहे। इसके बाद उन्होंने अमेरिका में प्रबंधन और जनसंपर्क से जुड़ा तीन महीने का कोर्स भी किया।
प्रधानमंत्री के बारे में एक आम चर्चा यह है कि वे अपने पिता के साथ स्टेशन पर चाय बेचा करते थे। मोदी के पिता की वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय की दुकान थी, जहां मोदी अपने पिता की मदद किया करते थे। यही वजह है कि उन्हें चायवाला प्रधानमंत्री भी कहा जाता है। 1965 में भारत-पाक युद्ध के दौरान उन्होंने स्टेशन से गुजरने वाले भारतीय सैनिकों को चाय पिलाई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने माता-पिता की छह संतानों में तीसरे नंबर पर हैं। मोदी के माता-पिता का निधन हो चुका है। उनके चार भाई और एक बहन हैं। मोदी की शादी 18 साल की उम्र में हो गई थी, लेकिन शादी के कुछ साल बाद ही उन्होंने अपना घर छोड़ दिया। तब से वे अपने परिवार से अलग रहते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संघ (आरएसएस) से पुराना रिश्ता है। बात साल 1958 की है, जब दिवाली के मौके पर गुजरात प्रांत के प्रचारक लक्ष्मण राव इनामदार ने उन्हें बाल स्वयंसेवक की शपथ दिलाई थी। इसके बाद मोदी RSS के सक्रिय सदस्य बन गए।
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बीजेपी के दिग्गज नेता और देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी को पीएम मोदी का राजनीतिक गुरु माना जाता है। 1985 में पीएम मोदी राजनीति में आए और बीजेपी में शामिल हो गए। मोदी की सक्रियता को देखते हुए जल्द ही उन्हें पार्टी में बड़ी जिम्मेदारियां मिलने लगीं। 1988-89 में मोदी को गुजरात बीजेपी में महासचिव की जिम्मेदारी दी गई। इसके बाद मोदी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और सफलता की सीढ़ियां चढ़ते चले गए। 1995 में मोदी को बीजेपी का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया।
2001 में जब गुजरात में भूकंप आया था। इससे राज्य में काफी तबाही मची थी। इस घटना के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। इस घटना के बाद मोदी को दिल्ली से गुजरात भेजा गया और इस तरह मोदी पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने। उनके अच्छे कामों की वजह से गुजरात की जनता ने उन्हें लगातार 4 बार (2001 से 2014 तक) गुजरात का मुख्यमंत्री चुना।
2014 में लोकसभा चुनाव हुए। मोदी को एनडीए की तरफ से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया। मोदी लहर में एनडीए ने इस आम चुनाव में प्रचंड जीत हासिल की और मोदी देश के प्रधानमंत्री बने। उस दौरान पीएम मोदी ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में 282 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके बाद 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री पद की शपथ लेकर इतिहास रच दिया। मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने लाल किले की प्राचीर से लगातार नौ बार देश को संबोधित किया है। अभी तक के रुझानों के हिसाब से लगता है कि देश में एक बार फिर मोदी सरकार सत्ता में आ रही है।
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