Sunday, July 7, 2024
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PM Modi: कत्ल की वो रात…जब PM मोदी के डर से कांप गया था पाकिस्तान, डर गए थे इमरान खान

India News(इंडिया न्यूज़), PM Modi: 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में आतंकियों ने अपनी नापाक हरकत को अंजाम दिया था। इस आतंकी हमले के बाद भारत ने आक्रामक कूटनीति से पाकिस्तान को तारे दिखा दिए थे। भारत के आक्रामक रवैये से पाकिस्तान इतना डर गया कि वह अपनी आतंक नीति पर पुनर्विचार करने को मजबूर हो गया। घबराए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने आधी रात को पीएम मोदी को फोन किया, लेकिन उन्होंने बात करने से इनकार कर दिया। आज हम उस रात की अंदर की कहानी बता रहे हैं।

‘पाकिस्तान पर हमले के लिए तैयार थी भारतीय सेना’

भारतीय सेना किसी भी वक्त हमला करने के लिए तैयार थी। 9 भारतीय मिसाइलों ने पाकिस्तान को निशाना बनाया था। जब ये बात पाकिस्तान को पता चली तो पूरी पाकिस्तानी सरकार घबरा गई। पाकिस्तानी पीएम इमरान खान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करना चाहते थे। जिस रात पर ये कहानी आधारित है उसे खुद पीएम मोदी ने ‘हत्या की रात’ बताया है। ये 27 फरवरी 2019 की रात थी। ये वो रात थी जब भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान पाकिस्तान की हिरासत में थे। ऐसी अटकलें थीं कि भारत किसी भी वक्त हवाई हमला कर सकता है। इस घटना का जिक्र अजय बिसारिया ने अपनी किताब एंगर मैनेजमेंट में किया है।

‘इमरान पीएम मोदी से बात करना चाहते थे

बिसारिया ने खुलासा किया कि उन्हें आधी रात को इस्लामाबाद में भारत में पाकिस्तान के तत्कालीन उच्चायुक्त सोहेल महमूद का फोन आया, जिसमें कहा गया कि इमरान पीएम मोदी से बात करना चाहते हैं। बिसारिया ने दिल्ली में लोगों से पूछताछ की और महमूद के पास वापस आकर कहा कि मोदी उस समय उपलब्ध नहीं थे और कोई भी जरूरी संदेश स्वयं उच्चायुक्त को दिया जा सकता है। उस रात बिसारिया ने महमूद से दोबारा बात नहीं की। अगले दिन, 28 फरवरी को, इमरान खान ने अभिनंदन को रिहा करने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि शांति के हित में मोदी को फोन करने की कोशिश की थी।

पीएम मोदी ने कहा था- हत्या की रात (PM Modi)

सैन्य कार्रवाई का संकेत देते हुए पीएम मोदी ने 2019 में एक चुनावी रैली में कहा था कि सौभाग्य से पाकिस्तान ने अभिनंदन को रिहा कर दिया अन्यथा यह हत्या की रात होती।

‘युद्ध की धमकी से डरा हुआ था पाकिस्तान’

भारत ने आधिकारिक तौर पर कभी नहीं कहा कि उसने अभिनंदन की रिहाई के लिए दबाव बनाने के लिए पाकिस्तान पर मिसाइलें दागीं, लेकिन बिसारिया ने खुलासा किया कि कैसे इस धमकी ने सेना और इमरान सरकार को परेशान कर दिया था। जंजुआ ने अभिनंदन के पकड़े जाने के बाद भारत की मांगों पर चर्चा करने के लिए 27 फरवरी को अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांसीसी दूतों को बुलाया था। भारत के पास पाकिस्तान की ओर 9 मिसाइलें हैं, जिन्हें उस दिन किसी भी समय लॉन्च किया जा सकता है। इनमें से एक दूत ने उनसे इसे सीधे भारत के सामने उठाने को कहा, जिसके बाद भारतीय कार्यवाहक उच्चायुक्त को भी बुलाया गया। इसके बाद इमरान खान ने मोदी से बात करने की कोशिश की।

बालाकोट एयर स्ट्राइक की अंदरूनी कहानी

किताब में बालाकोट एयर स्ट्राइक से पहले भारत सरकार के भीतर हुई बातचीत का भी जिक्र है। बिसारिया ने मोदी और तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज दोनों से कहा था कि पुलवामा जैसे आतंकी हमले से निपटने में भारत के राजनयिक विकल्प सीमित थे। जहां स्वराज ने उन्हें बताया कि कुछ कड़ी कार्रवाई होने वाली है, वहीं सेना प्रमुख बिपिन रावत ने उन्हें बताया कि भारत की जवाबी कार्रवाई 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक से कहीं बड़ी होगी। हालाँकि रावत इस बात से सहमत थे कि बाजवा भारत के साथ शांति में रुचि रखते थे, लेकिन उन्होंने अक्सर आईएसआई और पाकिस्तान कोर कमांडरों को एजेंडा तय करने दिया, जो बाजवा के सिद्धांत से खुश नहीं थे।

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Nidhi Jha
Nidhi Jha
Journalist, India News, ITV network.
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