इंडिया न्यूज, दिल्ली :
Politics Of Delhi : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भाजपा शासित केंद्र सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग पर तेज हमला किया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली नगर निगम चुनाव टालने का मुख्य कारण भाजपा को हार का डर सता रही है। इसलिए केंद्र सरकार और दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग साठगांठ कर चुनाव को टाल दिया है। ताकि इसका लाभ उठाया जा सकें। सीएम ने सवाल किया कि क्या अब चुनाव आयोग केंद्र सरकार के दबाव में काम करेगा? और क्या मोदी जी अब इस देश में चुनाव भी नहीं कराएंगे? जबकि उपमुख्यमंत्री ने चुनावों को टालने के आयोग के कदम को लोकतंत्र की हत्या बताया है।
चुनाव आयोग की तरफ से चुनाव की तिथि घोषित न करने की जानकारी मिलने के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की जनता भाजपा के इस षड्यंत्र का मुंहतोड़ जवाब देगी और एमसीडी में 260 सीटों के साथ आप की सरकार बनेगी। उन्होंने दावा किया कि निगम चुनाव में भाजपा का सफाया हो जाएगा। सीएम ने सवाल किया कि क्या अब चुनाव आयोग केंद्र सरकार के दबाव में काम करेगा? और क्या मोदी जी अब इस देश में चुनाव भी नहीं कराएंगे?
दूसरी तरफ उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि जब भाजपा, दिल्ली एमसीडी चुनावों में बुरी तरह हारती हुई नजर आ रही है तो उसने लोकतंत्र का गला घोटना शुरू कर दिया है। उनका आरोप है कि भाजपा ने साम-दाम-दंड-भेद का प्रयोग कर चुनाव आयोग को घुटनों पर लाकर रेंगने को मजबूर कर दिया है। (Politics Of Delhi)
आयोग ने इसी से दिल्ली एमसीडी चुनावों की तारीख आगे बढ़ा दी है। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि जब देश का चुनाव आयोग जिसके कंधों पर संविधान ने बाबा साहेब ने यह जिम्मेदारी दी कि वह समय पर निष्पक्ष तरीके से चुनाव करवाएगा, लेकिन उसी चुनाव आयोग ने लोकतंत्र का गला घोंट दिया है। अब इसका भगवान ही मालिक है।
मनीष सिसोदिया के मुताबिक, लोकतंत्र के लिए आज एक दुर्भाग्यपूर्ण, खतरनाक व काला दिन है। तयशुदा कार्यक्रम के बावजूद आयोग ने चुनाव की तारीख घोषित नहीं की थी। अगर यही परंपरा रही तो भाजपा हार के डर से राज्यों के चुनाव टलवा देगी, मोदी जी हार के डर से लोकसभा के चुनाव टलवा देंगे। सिसोदिया का आरोप है कि बीते 15-17 सालों में दिल्ली एमसीडी में भाजपा के भ्रष्टाचार से त्राहि-त्राहि मची हुई है। इससे हर आदमी दुखी है। लोगों के गुस्से से भाजपा इतनी घबराई गई है कि चुनावों से भागती नजर आ रही है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा है कि भाजपा कभी चुनाव से नहीं डरती। भाजपा का संगठन हमेशा चुनाव के लिए तैयार रहता है। गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद चुनाव से डरे हुए हैं। क्योंकि उनकी सरकार की भ्रष्ट शराब नीति से जनता में उनके प्रति रोष है।
भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने ट्वीट कर दिल्ली के मुख्यमंत्री का एमसीडी चुनाव पर की गई टिप्पणी का जवाब दिया है। ट्वीट कर शायराना अंदाज में कहा कि बड़े नादां है वो जो करते है बुलंदी पे गुरुर इतना, हमने चढ़ते सूरज को भी ढलते हुए देखा है… एमसीडी के फंड से अपना चेहरा चमकाने के बाद दिल्ली के ठेके दार ज्ञान बांट रहे है। दूसरे ट्वीट में गंभीर ने कहा कि केजरीवाल जी ने भगवंत मान के साथ ज्यादा कोई बात नहीं एमसीडी चुनाव भी होगा और आपका नशा भी उतारा जाएगा और जनता आपको आइना दिखाएगी।
नगर निगम चुनावों के मामले में दिल्ली कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी और भाजपा पर निशाना साधा है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार ने आरोप लगाया कि संभावित हार से बचने के लिए दोनों पार्टियां चुनाव टालना चाहती हैं। कांग्रेस ने दिल्ली में नगर निगम चुनावों को निर्धारित समय पर करवाने की मांग की है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस के जिला कार्यकर्ता सम्मेलनों में कार्यकर्ता बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे है। निगम चुनावों के लिए सभी वार्डों में बड़ी संख्या में आवेदन मिल रहे हैं।
एकीकृत निगम होने पर केंद्र सरकार की योजनाओं को भी लागू कराने में नहीं होगी परेशानी : पीएम
एकीकृत निगम होने के बाद केंद्र सरकार की योजनाओं को भी लागू कराने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना, प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना, एक राष्ट्र एक राशन कार्ड, आयुष्मान भारत योजना को दिल्ली में भी लागू करने में परेशानी नहीं होगी। इन योजनाओं से भाजपा पार्टी को एक बड़े वोट बैंक पर कब्जा होने की उम्मीद है। (Politics Of Delhi)
वहीं दूसरी ओर जानकार यह मान रहे हैं कि एमसीडी को एक करने के पीछे आप की बढ़त को सीमित करने की भाजपा की रणनीति है। दिल्ली में जब एक मेयर होगा और संविधान से उसे ताकत मिलेगी तो उनकी आवाज मुख्यमंत्री के बराबर होगी। अभी तीनों निगमों की समस्याएं अलग-अलग होने से उनके मेयर की एक आवाज नहीं बन पाती है। केंद्र सरकार अगर तीनों एमसीडी को एक करती है तो दिल्ली का एक मेयर होगा और एक स्थायी समिति का अध्यक्ष होगा। इस तरह से एमसीडी की सत्ता भी केंद्रित होगी। (Politics Of Delhi)
इससे भाजपा को भी दिल्ली के मुख्यमंत्री के बराबर के कद का नेता मिल जाएगा। उधर, एमसीडी बराबर यह आरोप लगाती है कि दिल्ली सरकार फंड रोक कर रखती है। ऐसे में दिल्ली का विकास संभव नहीं हो पाता है। जब एकीकृत एमसीडी थी तो फंड की कमी नहीं थी। ऐसा इसलिए था कि दक्षिणी दिल्ली व उत्तरी दिल्ली एमसीडी से जो भी फंड इकट्ठा होता था उसे पूर्वी दिल्ली एमसीडी को भी समान रूप से वितरित किया जाता है। (Politics Of Delhi)
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