इंडिया न्यूज, नई दिल्ली। भीषण गर्मी से इंसान ही नहीं, जानवर भी जूझ रहे हैं। चिड़ियाघर में वन्यजीवों को गर्मी से राहत देने के लिए उनके खान-पान में बदलाव किए हैं, जिसमें उन्हें मौसमी खाना दिया जा रहा है। जहां मांसाहारी वन्यजीवों के भोजन से मीट की मात्रा में कम की गई है। उन्हें खाने में ककड़ी, खीरा व तरबूज दिया जा रहा है। जानवरों को ज्यादा गर्मी न लगे, इसके लिए उनके बाड़े में बर्फ से लेकर कूलर से लेकर पंखे लगाए गए हैं।
चिड़ियाघर के अधिकारी ने बताया कि गर्मी काफी पड़ रही है। वन्यजीवों के शरीर में पानी की कमी न हो, इसके लिए खाने में मौसमी चीजें दी जा रही हैं। इसमें फल से लेकर सब्जियां विशेष रूप से दी जा रही हैं। शेर, बाघ, तेंदुआ, भालू समेत अन्य मांसाहारी वन्यजीवों के भोजन से मीट की मात्रा सर्दियों के मुकाबले कम की गई है। जानवरों के शरीर में पानी की कमी न हो, इसके लिए उन्हें पानी में ग्लूकोज घोलकर दिया जा रहा है।
वहीं, वन्यजीवों को सुबह व शाम को नहलाया जा रहा है। बाघ, हाथी के बाड़ों में तालाब में उचित पानी की व्यवस्था की गई है। चिडियाघर के निदेशक धर्मदेव राय ने बताया कि गर्मी को देखते हुए वन्यजीवों के खान-पान पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है। गर्मी में जानवरों को डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए तरल पदार्थ वाला खाना दिया जा रहा है।
जानवरों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए स्प्रिंकलर लगाए गए हैं। जीव-जंतुओं को पानी में ग्लूकोज भी घोलकर पिलाया जा रहा है। वर्तमान में चिड़ियाघर में शेर, बाघ, तेंदुआ, भालू व लोमड़ी समेत अन्य मांसाहारी वन्यजीव हैं। इन वन्यजीवों को दोपहर और रात के खाने में मीट दिया जाता है। अधिकारी ने बताया कि गर्मी अधिक होने की वजह से इन वन्यजीवों की मीट की मात्रा में कमी की गई है।
वहीं, जानवरों के शरीर में पानी की कमी न हो, इसके लिए पानी में ग्लूकोज घोलकर दिया जा रहा है। गर्मी से राहत दिलाने के क्रम में बाड़ों में स्प्रिंकलर की व्यवस्था की गई है। साथ ही वन्यजीवों को सुबह-शाम नहलाया जा रहा है। वहीं, हाथी और बाघ के बाड़ों में तालाब में पानी की व्यवस्था की गई है, जिससे दोपहर में अधिक गर्मी लगने पर वन्यजीव तालाब में बैठ सकें।