होम / क्या है सरबत खालसा, अमृतपाल सिंह ने क्यूं की इसकी मांग जाने सब कुछ…

क्या है सरबत खालसा, अमृतपाल सिंह ने क्यूं की इसकी मांग जाने सब कुछ…

• LAST UPDATED : March 30, 2023

अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस पिछले 13 दिलों से ढुंढ़ रही है, लेकिन वो अभी तक पुलिस के हत्थे नहीं चढा है. वह गिरफ्तार होने के विपरीत वीडियो बनाकर लगातार पुलिस को चैलेंज कर रहा है. उसने बुधवार को एक वीडियो जारी किया और कहा कि पुलिस उसका बाल भी बाका नहीं कर सकती. वीडियो में आगे उसने सरबत खालसा बुलाने की मांग भी रख दी.

क्या है सरबत खालसा-

सरबत खालसा का मतलब है, सभी सीख की एक सभा. सरबत मतलब ‘सभी’ और खालसा का मतलब ‘सीख’ होता है. दरअसल सिखों के चौथे गुरू रामदास के समय एक परंपरा शुरू हुई. जिसमें साल में दो बार सीख समुदाय एकत्रित होता था. यह जुटान दिवाली और बैसाखी पर होती थी. इस बैठक में सभी सीख समुदाय आपस में अपने गुरू के साथ बैठते थे और एक दुसरे से मिलते जुलते थे. 1716 में बंदा सिंह बहादुर के शहीद होने के बाद खालसा बिखर सा गया था.

दुसरी तरफ मुगलों के तरफ से भी सिखों पर लगातार अत्याचार किया जा रहा था. मुगलों के अत्याचार से लोहा लेने के लिए ‘दल खालसा’ बना यही दल खालसा आगे चलकर तरुण और बुड्ढा दल बना और यही सिख मिसल यानी सिखों की मिलिट्री यूनिट्स का आधार भी बना.

यह भी पढ़ें- https://indianewsdelhi.com/delhi/delhi-news-cbi-raid-in-safdarjung-hospital/

फिर सीख के दसवें गुरू, गुरू गोविन्द सिंह के निधन के बाद सीख मिसलें ने सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा के लिए सरबत खालसा को बुलाना शुरू किया. यह बात 18वीं सदी की है. 19 वीं सदी में सिख साम्राज्य के संस्थापक महाराजा रणजीत सिंह ने इस प्रथा (सरबत खालसा) को समाप्त कर दिया था।

‘ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद फिर शुरू हुई सरबत खालसा’

तकरीबन 200 साल बाद पहली बार 26 जनवरी 1986 में खुलेतौर पर सरबत खालसा को बुलाया गया था। स्वर्ण मंदिर में हुए इसी सरबत खालसा में भारत सरकार के खर्च पर अकाल तख्त के निर्माण के प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया। लाखों सिखों की मौजूदगी में फैसला लिया गया कि ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान क्षतिग्रस्त अकाल तख्त को कार सेवा के जरिए ही बनाया जाएगा। सरबत खालसा ने सिख स्वशासन के लिए संघर्ष करने का भी फैसला किया।

‘सरबत खालसा बुलाने का अधिकार किसके पास’

इस बात को लेकर विवाद होते रहा है कि सरबत खालसा कौन बुला सकता है. कुछ जानकार कहते हैं कि अकाल तख्त सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था है इसलिए सिर्फ अकाल तख्त को ही सरबत खालसा बुलाने का अधिकार है. हालांकि, 2015 में सरबत खालसा को शिरोमणी अकाली दल (अमृतसर) के नेता सिमरनजीत सिंह मान और यूनाइटेड अकाली दल के नेता मोहकाम सिंह ने बुलाया था।

‘निजी एजेंडे के लिए सरबत खालसा की बात कर रहा’

अमृतपाल सिंह ने अपने वीडियो में अकाल तख्त से सरबत खालसा बुलाने की मांग की है और देश-दुनिया के सभी सिखों को इसमें शामिल होने का आवाहन किया है. अमृतपाल ने कहा कि सरकार ने अकाल तख्त के अल्टीमेटम को भी नहीं माना. जत्थेदार को स्टैंड लेना चाहिए और सरबत खालसा में भाग लेना चाहिए.दरअसल, श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ने पंजाब सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि ऑपरेशन अमृतपाल के दौरान 10 दिनों में पकड़े गए युवकों को 24 घंटों में रिहा किया जाए। हालांकि, सरकार ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है. इससे साफ होता है कि अमृतपाल अपनी निजी एजेंडे को सिख कम्युनिटी की लड़ाई बनाना चाहता है.

 

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox