Qutub Minar Case: राजधानी दिल्ली की एक अदालत ने कुतुब मीनार विवाद के मामले में अपने 20 सितंबर के आदेश की समीक्षा के लिए दायर अर्जी खारिज की और कहा कि इसमें कोई तथ्य नहीं है और याचिकाकर्ता समीक्षा के लिए पर्याप्त आधार दिखाने में विफल रहा। बता दें कि इससे पहले दिल्ली की साकेत कोर्ट ने 20 सितंबरको कुतुब मीनार पर मालिकाना हक का दावा करने वाले हस्तक्षेप आवेदन को खारिज किया था।
अदालत ने शनिवार के दिन अपने फैसले में कहा कि समीक्षा अर्जी के रूप में अपील करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। कुंवर महेंद्र ध्वज प्रताप सिंह द्वारा दायर एक अर्जी पर अदालत सुनवाई कर रही थी। इसमें दावा किया गया था कि वह ‘संयुक्त प्रांत आगरा’ के तत्कालीन शासक के उत्तराधिकारी हैं और कुतुब मीनार समेत दिल्ली और आसपास के कई इलाको में जमीन के मालिक हैं।
कुंवर महेंद्र ध्वज प्रताप सिंह की दलील दी थी कि कुतुब मीनार परिसर के अंदर एक मंदिर होने का दावा करने वाली अपील के लिए वह एक आवश्यक पक्ष हैं। इसमें हिंदू और जैन देवताओं की प्रतिमा की मरम्मत करके इसे बहाल करने की मांग की गई। उन्होंने अदालत के आदेश के खिलाफ समीक्षा अर्जी दायर की थी। इस पर कोर्ट ने याचिका में कोई तथ्य नहीं होने के आधार पर दायर अर्जी खारिज कर दी थी। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश दिनेश कुमार का कहना है कि याचिकाकर्ता 20 सितंबर 2022 के आदेश की समीक्षा के लिए कोई समुचित आधार नहीं दिखा सका, इसलिए उसकी अर्जी खारिज की जाती है।
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