Radiotherapy Ineffective:
नई दिल्ली: पान, तंबाकू, गुटखा और शराब का सेवन करने वाले कैंसर पीड़ित मरीजों पर रेडियोथेरेपी भी बेअसर साबित हो रही है। दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट ने जनवरी 2015 से मार्च 2015 में मुंह और गला कैंसर (हेड एंड नेक स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा) से पीड़ित 308 मरीजों पर अध्ययन शुरू किया था।
डॉ. प्रज्ञा शुक्ला ने जानकारी दी कि अध्ययन में 56.81 फीसदी (175) मरीजों पर कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी का कोई असर नहीं हुआ। ये मरीज तंबाकू, गुटका आदि का सेवन कर रहे थे। वहीं 43.19 फीसदी (133) मरीजों के उपचार में सकारात्मक प्रभाव दिखने को मिला। इन 133 मरीजों में से 124 मरीजों को 2 साल तक निगरानी में रखा गया। इनमें से 71 मरीज को अवशिष्ट रोग, 26 मरीज को असामान्य बीमारी और 27 मरीज को सामान्य समस्या थी। अध्ययन में सबसे कम उम्र के मरीज की आयु 26 साल और सबसे ज्यादा की आयु 86 साल थी।
डॉ. शुक्ला ने बताया कि अध्ययन में देखा गया कि महिलाओं के मुकाबले में पुरुष मुंह और गले के कैंसर से चार गुना पीड़ित हो रहे हैं। अध्ययन के लिए पंजीकृत किए हुए मरीजों में से 85.06 फीसदी (262) पुरुष और 14.94 फीसदी (46) महिलाएं थी। हालांकि उन्होंने बताया कि अधिकतर महिलाएं उपचार कराने नहीं आती हैं। उन्होंने कहा कि देश में कैंसर के ज्यादातर मामले एंडवास स्टेज में ही सामने आते हैं। इसके अलावा ज्यादातर मरीज इलाज को बीच में ही छोड़ देते हैं, जो समस्या को और भी ज्यादा गंभीर बनाता है।
डॉ. शुक्ला ने बताया कि शहरी जगहों में लड़की और महिलाओं में भी नशे का चलन तेजी से बढ़ता जा रहा है, जो कैंसर को अपने पास बुलाता है। अध्ययन के मुताबिक पुरी दुनिया में मुंह और गले के कैंसर से हर साल 6 लाख 50 हजार केस रिपोर्ट किए जाते हैं। इनमें से 3 लाख 30 हजार मरीजों की मौत देखने को मिलती है। वहीं देश में कुल कैंसर के मरीजों में से 30 से 40 फीसदी मरीजों को मुंह और गले का कैंसर होता हैं। इसका जिम्मेदार तंबाकू, पान, गुटखा, शराब आदि का सेवन करना है।
मुंह में छाल होना, बलगम बनना, आवाज का बदलना, लंबी खांसी आना, बलगम में खून का आना, अचानक से वजन घटना आदि।
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