कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद राहुल गांधी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. शनिवार को दाखिल एक मुकदमें में पेशी से स्थाई छुट के लिए राहुल के आवेदन पर आज महाराष्ट्र के पुणे कोर्ट में सुनवाई हुई लेकिन राहुल को कोई राहत नही मिली. आदालत ने दलीलें सुनने के बाद सुनवाई अगली तारीख 15 अप्रैल को रख दी. आपको बता दें कि यह मामला राहुल गांधी के 2014 में दिए एक भाषण से जुड़ा है.
‘महात्मा गांधी की हत्या का आरएसएस आरोप’
दरअसल आरएसएस कार्यकत्ता रजेश कुंटे ने 2014 में दिए गये राहुल गांधी के भाषण के खिलाफ यह मुकदमा दर्ज करवाई थी. अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी ने महात्मा गांधी की हत्या का आरोप आरएसएस पर लगाया था. जिसपर कुंटे ने आरएसएस की प्रतिष्ठा पर ठेस पहुंचाने को मुद्दा बनाकर राहुल गांधी के खिलाफ मुकदमा किया था. इस मामलें में राहुल गांधी 2018 में कोर्ट पहुंचे थे जहां उन्होंने खुद को निर्दोष बताया था.
‘पेशी से मुझे स्थाई छुट दी जाए’
राहुल गांधी ने इस मामलें पर कोर्ट में पेशी से स्थाई छूट के लिए आवेदन किया था. राहुल गांधी ने कहा था कि मैं एक सांसद हूं, मुझे अपने निर्वाचन क्षेत्र में जाना होता है. इसके साथ ही पार्टी के भी काम होते है जिसमें शामिल होना पड़ता है. अन्य कई यत्राएं भी करनी पड़ती है, इसलिए मुझे कोर्ट में पेश से स्थाई छूट दी जाए. वहीं राजेस कुंटे ने राहुल गांधी के आवेदन का विरोध करते हुए कोर्ट में लीखित सूचना जमा की जिसमें कहा कि राहुल गांधी को हाल ही में सूरत के एक कोर्ट ने दोषी माना है,जिसके बाद इनकी सदस्यता चली गयी है. ऐसे में स्थाई छूट की मांग वाली आवेदन निरस्त की जाए.