इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
वर्षा जल संरक्षण के दृष्टिगत गुरुग्राम जिला के नगर निगम, एचएसवीपी, डीटीसीपी के अधिकार क्षेत्र में आने वाले आवासीय भवनों, गु्रप हाउस, सोसायटी, संस्थानों, स्कूलों, होटलों व औद्योगिक प्रतिष्ठानों के नाम लिखित आदेश जारी किए गए हैं। आगामी 15 जून से पहले अपने परिसर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम (आरडब्ल्यूएचएस) के उचित कामकाज को सुनिश्चित करने को कहा गया है।
नियमानुसार जहां रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को स्थापित करने की आवश्यकता है, वहां उसे स्थापित करवाना के भी आदेश दिए गए हैं। डीसी निशांत कुमार यादव ने कहा कि 15 जून के उपरांत आरडब्ल्यूएच संरचना की जांच के दौरान यदि संरचनाएं सुचारु नहीं पाई जाती हैं तो उस संस्थान अथवा भवन मालिक पर भारी जुमार्ना लगाने के साथ साथ नियमों के उलंघन के तहत उसका आॅक्यूपेशन सर्टिफिकेट भी निरस्त किया जा सकता है। उन्होनें कहा कि जिला के गिरते भूजल स्तर के कारण यह गंभीर विषय है।
ऐसे में नियमों व आदेशों को पालना ना करने वाले व्यक्ति अथवा संस्थान के विरुद्ध कानून के प्रावधान के अनुसार सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उपायुक्त ने कहा कि जिस छत का क्षेत्रफल 100 वर्ग मीटर से अधिक है, वहां भवन निर्माण के समय रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को स्थापित करना अनिवार्य है। भूजल का पुनर्भरण न केवल आवासीय भवनों के लिए, बल्कि सभी प्रकार के भवनों के लिए अनिवार्य होगा। इसमें 500 वर्ग मीटर और उससे अधिक के भूखंड क्षेत्र वाली गु्रप हाउसिंग सोसाइटी भी शामिल हैं।
डीसी ने जिला के नागरिकों से आह्वान करते हुए कहा कि गुरुग्राम शहर और उसके आस-पास के क्षेत्र में भूजल संसाधन को और कम होने से बचाने के लिए, वर्षा जल संचयन संरचनाओं के समुचित कार्य को सुनिश्चित करना आवश्यक है, जिसमें रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर शामिल है। उन्होंने कहा कि जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं में शामिल जल को बचाने के लिए सभी जिलावासियों को मिलकर सामूहिक प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी संस्थान अथवा व्यक्ति को इस विषय में अधिक जानकारी प्राप्त करनी हो तो वह गुरुग्राम जिला प्रशासन के वर्षा केंद्र के हेल्पलाइन नंबर +91 93114 11998 पर संपर्क या व्हाट्सएप कर सकते हैं।