India News(इंडिया न्यूज़), Ram Mandir: विश्व हिंदू परिषद ने शनिवार को कहा कि रामलला के प्रतिष्ठा समारोह में बसपा प्रमुख मायावती को आमंत्रित किया गया था। वीएचपी के मुताबिक, मायावती ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया है, लेकिन वह समारोह में शामिल नहीं होंगी। आपको बता दें कि अखिलेश यादव ने कहा था कि उन्हें 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण नहीं मिला है। इस पर विश्व हिंदू परिषद (VHP) का कहना है कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में उत्तर प्रदेश के दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों अखिलेश यादव और मायावती को आमंत्रित किया गया था।
आलोक कुमार के मुताबिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को भी 22 जनवरी के समारोह में आमंत्रित किया गया है, लेकिन वे नहीं आएंगे। क्योंकि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की यात्रा को लेकर कई तरह के प्रोटोकॉल होते हैं. हालांकि, वे दोनों राम मंदिर ट्रस्ट के साथ चर्चा के बाद सुविधाजनक तारीख पर अयोध्या आएंगे। विहिप निमंत्रण वितरण में राम मंदिर ट्रस्ट की सहायता कर रहा है। बता दें कि अखिलेश यादव ने पहले कहा था कि अगर उन्हें आमंत्रित किया जाएगा तो वह अयोध्या जाएंगे। बाद में उन्होंने कहा, ‘भगवान जिसे बुलाए तो उसे कौन रोक सकता है। भगवान राम जब बुलाएंगे तो मैं अयोध्या चला जाऊंगा। मैं किसी ऐसे व्यक्ति के निमंत्रण पर कैसे जा सकता हूं, जिसे मैं जानता नहीं’।
बता दें कि राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, किसी ऐसे व्यक्ति के निमंत्रण पर कैसे जा सकता हूं, जिसे मैं जानता नहीं’। बता दें कि राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, गांधी और अधीर रंजन चौधरी को 22 जनवरी के कार्यक्रम के लिए अयोध्या आने का निमंत्रण भेजा गया था। लेकिन कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने इसे भाजपा का राजनीतिक कार्यक्रम बताते हुए आमंत्रण ठुकरा दिया।
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