Ramdev Apologized: योग गुरु बाबा रामदेव इन दिनों सुर्खियों में है। सुर्खियों का कारण साकारात्मक नहीं बल्की नाकारात्मक है, दरअसल बाबा रामदेव ने एक ऐसा बयान दे दिया है जिसकी वजह से उनकी आलोचना हो रही है। पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में बाबा रामदेव शामिल हुए। जहां बाबा रामदेव ने कहा कि ‘महिलाएं कुछ न भी पहने तो भी अच्छी लगती हैं।’ जब रामदेव बाबा मंच से ये बयान दे रहे थे तब मंच पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता मौजूद थी। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने इस पर विरोध जताया और नोटिस जारी करने को कहा।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री जी की पत्नी के सामने स्वामी रामदेव द्वारा महिलाओं पर की गई टिप्पणी अमर्यादित और निंदनीय है। इस बयान से सभी महिलाएँ आहत हुई हैं, बाबा रामदेव जी को इस बयान पर देश से माफ़ी माँगनी चाहिए! pic.twitter.com/1jTvN1SnR7
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) November 26, 2022
आपको बता दे कई सांसद रामदेव के इस बयान की आलोचना कर चुके है। शिवसेना सांसद संजय राउत और टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने महिलाओं के खिलाफ उनकी टिप्पणी पर आलोचना की। जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित एक योग शिविर में योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि ‘महिलाएं साड़ी, सलवार और सूट में भी अच्छी लगती हैं, मेरी तरह कुछ ना भी पहने तो भी अच्छी लगती हैं’। ये बयान जब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है जिसकी जमकर आलोचना हो रही है।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने भी इस बयान की आलोचना की है। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर विडियो शेयर करते हुए कहा, ‘महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री की पत्नी के सामने स्वामी रामदेव द्वारा की गई टिप्पणी अमर्यादित और निंदनीय है, इस बयान से सभी महिलाएं आहत हुई हैं, बाबा रामदेव को इस बयान पर देशवासियों से माफी मांगनी चाहिए। ‘
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री जी की पत्नी के सामने स्वामी रामदेव द्वारा महिलाओं पर की गई टिप्पणी अमर्यादित और निंदनीय है। इस बयान से सभी महिलाएँ आहत हुई हैं, बाबा रामदेव जी को इस बयान पर देश से माफ़ी माँगनी चाहिए! pic.twitter.com/1jTvN1SnR7
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) November 26, 2022
रामदेव के इस बयान पर अब राजनैतिक हस्तियां भी अपना विरोध दर्ज करवा रही है। उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना के नेता संजय राउत ने पूछा, ‘अमृता फडणवीस ने टिप्पणियों का विरोध क्यों नहीं किया?’ उन्होंने कहा, जब राज्यपाल शिवाजी पर अपमानजनक टिप्पणी करते हैं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री महाराष्ट्र के गांवों को अपनी राज्य की सीमा में मिलाने की धमकी देते हैं, तब बीजेपी इसका विरोध करती है। अब बीजेपी प्रचारक रामदेव महिलाओं का अपमान करते हैं, तो सरकार चुप रहती है. क्या सरकार ने अपनी जुबान दिल्ली के पास गिरवी रख रखी है?
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