India News (इंडिया न्यूज), Delhi News : जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तब समाज किन पर विश्वास करे। इसके बाद न्यायिक प्रक्रिया के दौरान दोष भी न सिध्द हो सके, ये विचारणीय है। ऐसे ही मामले दिल्ली में देखने को मिले हैं। दिल्ली पुलिस के 63 पुलिसकर्मियों पर दुष्कर्म के संगीन केस दर्ज हुए हैं। अब तक इनमें से केवल 13 आरोपियों को ही गिरफ्तार किया गया। यह आँकड़ा लगभग साढ़े पाँच साल का है। गौरतलब है, कोर्ट में एक भी आरोपी का दोष साबित ही नहीं हुआ है। वहीं पर, सात आरोपी पुलिसकर्मियों को कोर्ट बईज्जत बरी कर चुकी है। कुछ केसों में आरोपी को अग्रिम जमानत मिल गई, जबकि कुछ केस में पीड़िता के साथ समझौता हो गया। अभी अनेकों मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं। आपको बता दें, RTI कार्यकर्ता जीशान हैदर के सवालों के जवाब में ये आंकड़े सामने आये हैं।
लगभग साढ़े पाँच साल में आए ऐसे मामलों में पुलिस के 312 कर्मियों को सस्पेंड किया जा चुका है। सबसे ज्यादा कार्रवायी वेस्ट के जिले में हुई जहाँ 145 कर्मियों को सस्पेंड किया गया। आउटर जिले में 72, PCR यूनिट में 59 और 23 नार्थ में सस्पेंड किया गया। इसी क्रम में 106 पुलिसकर्मियों पर आपराधिक मुकदमे भी दर्ज किए गए, जिनमें सबसे ज्यादा मामले रेप के हैं, जिसकी संख्या 63 है। इनमें से रेप का एक केस हरियाणा पुलिस का है।
इस संबंध में दिल्ली पुलिस के एक अफसर ने सफाई देते हुए कहा कि “कानून सबके लिए बराबर है। बेशक कोई पुलिसकर्मी ही क्यों न हो। अगर किसी ने गुनाह किया है तो उस पर कानूनी कार्रवाई निश्चित तौर पर होती है। काम में लापरवाही बरतने वाले कर्मियों को सस्पेंड किया जाता है। गलत काम में लिप्त पाए जाने वाले जवानों को नौकरी से बर्खास्त तक किया गया है”।
गौर करें, 39 पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जाँच भी की गई। वहीं, 31 कर्मियों को नौकरी से ही बर्खास्त किया जा चुका है। गौरतलब है, वर्तमान में 60 पुलिसकर्मी ऐसे भी हैं, जो आपराधिक मुकदमे दर्ज होने के बावजूद अलग-अलग जगह ड्यूटी पर तैनात हैं। तैनाती वाली जगहों में क्राइम ब्रांच, डिस्ट्रिक, सिक्योरिटी यूनिट, पुलिस स्टेशन, राष्ट्रपति भवन से लेकर दिल्ली सशस्त्र पुलिस शामिल हैं। वहीं दूसरी तरफ, दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर ने इस विषय में साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट, विशेष पुलिस इकाई महिला एवं बच्चे, सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट व नार्थ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट की ओर से जवाब देते हुए दावा किया गया कि बीते साढ़े पांच साल में उनके यहाँ किसी भी पुलिसकर्मी के खिलाफ रेप का केस दर्ज नहीं हुआ है।
1 जनवरी 2018 से 15 जून 2023 तक दिल्ली पुलिसकर्मियों पर दर्ज रेप केस, उनकी गिरफ्तारी, निलंबन, बरखास्तगी, आपराधिक केस, विभागीय जांच को लेकर सवाल पूछे गए थे। हालांकि, पुलिस की सभी यूनिटों ने जवाब नहीं दिया। कुछ यूनिट ने सूचना के अधिकार अधिनियम का हवाला देते हुए, जानकारी लंबी होने की स्थिति में एक निर्धारित समयावधि में ऑफिस आकर रिकॉर्ड चेक करने की बात कही। वहीं, कुछ ने गोल-मोल जवाब देकर इसे टालने की प्रयास भी की। कुछ यूनिट ने रेप केस में आरोपी पुलिसकर्मी की गिरफ्तारी को लेकर जानकारी नहीं दी। कुछ ने तो इसमें RTI एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि इसकी जानकारी तीसरी पार्टी को देना जरूरी नहीं है।
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