इंडिया न्यूज, नई दिल्ली (Sant Darshan Singh Ji Maharaj news): सावन कृपाल रूहानी मिशन के प्रमुख संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने यू-ट्यूब पर शिकागो, अमेरिका से लाइव टेलीकास्ट के जरिये दयाल पुरुष संत दर्शन सिंह जी महाराज (14 सिंतबर, 1921-30 मई, 1989) की 33वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में उन्हे याद करते हुए कहा कि उन्होंने अपने दिव्य-प्रेम, दया और अपनी जिंदगी के जीते-जागते उदाहरण के द्वारा लाखों लोगों को अध्यात्म और ध्यान-अभ्यास के मार्ग पर चलाया।
उन्होंने कहा कि संत दर्शन सिंह जी महाराज दिव्य-प्रेम, दया और करुणा के प्रतीक थे। उन्होंने हमारे अंदर छुपे हुए प्रभु-प्रेम को जागृत किया और लाखों भाई-बहनों को अंधकार से भरी जिंदगी से निकालकर प्रभु की चेतनता, प्रकाश व प्रेम की ओर ले गए।
सत्संग के आॅन लाइन कार्यक्रम से पूर्व पूजनीया माता रीटा जी ने 16वीं शताब्दी की भक्त मीरा बाई जी की वाणी से ह्वदरस बिन दूखन लागे नैनह्ल शब्द का गायन कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। उसके पश्चात संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने संत दर्शन सिंह जी महाराज की शिक्षा जोकि जीवन को बदलने वाली है, के बारे समझाते हुए कहा कि ह्ववे चाहते थे कि हम अपने सच्चे आत्मिक स्वरूप को जानते हुए अपने जीवन के प्रमुख उद्देश्य अपने आपको जानना और पिता-परमेश्वर को पाना है, को इसी जन्म में पूरा करें।
उन्होंने आगे फरमाया कि संत दर्शन सिंह जी महाराज अक्सर कहा करते थे कि यह मानव चोला एक सुनहरा अवसर है अपने आपको जानने और पिता-परमेश्वर को पाने के लिए। उन्होंने ध्यान-अभ्यास के द्वारा हमें अंदर के रूहानी खजानों का अनुभव कराते हुए पिता-परमेश्वर के साथ एकमेक किया। उन्होंने अपने दिव्य-प्रेम, दया और करुणा के द्वारा लाखों लोगों का ध्यान इस दुनिया से हटाकर प्रभु की ओर लगाया।
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