होम / बच्चों में संस्कार और संस्कृति की भावना का विकास जरूरी : कुमार सुशांत

बच्चों में संस्कार और संस्कृति की भावना का विकास जरूरी : कुमार सुशांत

• LAST UPDATED : May 11, 2022

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :

रामायण रिसर्च काउंसिल ने माता सीताजी के प्राकट्य दिवस पर वीएन भातखंडे संगीत महाविद्यालय में एक कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के छोटे बच्चों ने श्री रामचरितमानस की चैपाई गाकर माता सीता के जीवन दर्शन का चित्रण किया। कार्यक्रम की शुरूआत जानकी स्तुति के साथ होने के बाद पांच वर्ष के यज्ञ कांडपाल ने सबसे पहले नमामि शमिशान रुद्राष्टक स्तोत्र गाकर सबका दिल जीत लिया। तो वहीं काशवी सिंघल ने ब्रह्मा कृत स्तुति जय जय सुर नायक गाकर खूब तालियां बटोरीं। रिद्धि त्रिपाठी ने श्री राम जन्म स्तुति भए प्रगट कृपाला को मधुर स्वर में प्रस्तुत किया, वहीं उन्नति सिंघल ने माता जानकी द्वारा मां गौरी की प्रार्थना और वरदान प्राप्ति के प्रसंग को प्रस्तुत कर सबको भावुक कर दिया।

आरल सिंघल और अर्जुन सिंह ने परशुराम लक्ष्मण का प्रस्तुत किया संवाद

आरल सिंघल और अर्जुन सिंह की जोड़ी ने परशुराम लक्ष्मण संवाद का वर्णन किया, सिद्धि जैन ने अयोध्या काण्ड की आरंभिक चैपाई को संगीत की लय पर गाया, आदित्य मोहन ने केवट प्रसंग, ईहा ने सुरसा हनुमान संवाद, आराध्या भारद्वाज और रिद्धि जैन ने विभीषण हनुमान संवाद, रचित कर्नाटक और ध्रुव शर्मा ने हनुमान जानकी संवाद तथा आदित्य भारद्वाज ने रावण मरण प्रसंग का गायन के माध्यम से चित्रण किया। वीएन भातखंडे संगीत महाविद्यालय के संस्थापक और अध्यक्ष पंडित हरिदत्त शर्मा ने सभी बच्चों के उत्साह की प्रशंसा करते हुए रामायण रिसर्च काउसिल के प्रयासों की सराहना की।

रामायण रिसर्च काउंसिल छोटे बच्चों में संस्कार और संस्कृति की भावना के विकास कर रही है कार्य

इस मौके पर रामायण रिसर्च काउंसिल के संस्थापक कुमार सुशांत ने कहा कि यह काउंसिल छोटे बच्चों में संस्कार और संस्कृति की भावना के विकास के लगतार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि इसके लिए छोटे बच्चों को हम श्री रामचरितमानस की चैपाई याद करवाते हैं और उसे काउंसिल के प्रकल्प रामायण मंच यू-ट्यूब के माध्यम से प्रसारित करते हैं, ताकि अन्य बच्चों में श्री रामचरितमानस के प्रति एक भाव उत्पन्न हो सके और वो आगे आकर इस पवित्र ग्रंथ की चैपाई का अधिक से अधिक वाचन कर सकें।

माता सीता की प्रतिमा बिहार के सीतामढ़ी में होने जा रही है स्थापित

आपको बता दें कि रामायण रिसर्च काउंसिल माता सीता की दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा को उनके जन्म स्थान बिहार के सीतामढ़ी में स्थापित करने जा रही है। उन्होंने बताया कि इसके कार्यान्वयन के लिए एक समिति श्रीभगवती सीता तीर्थ क्षेत्र समिति का गठन भी किया गया है। काउंसिल के कोषाध्यक्ष राजीव सिंह ने कहा कि आज माता सीताजी के जीवन से विश्व की नारी शक्ति को धैर्य, साहस और कर्तव्य निष्ठा की सीख लेनी चाहिए।

ये भी पढ़े : दिल्ली में कटे चालान से फ्री होने का बड़ा मौका, आज ही घर बैठे करें ऐसे ऑनलाइन अप्लाई

Connect With Us : Twitter | Facebook Youtube

 

 

 

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox