India News(इंडिया न्यूज़)Roshanara Club Sealed: डीडीए ने शुक्रवार सुबह रोशनआरा बाग स्थित ऐतिहासिक रोशनआरा क्लब को सील कर दिया। डीडीए के मुताबिक, 12 अप्रैल 2023 को कोर्ट के फैसले के बाद शुक्रवार को डीडीए ने रोशनआरा क्लब लिमिटेड का कब्जा ले लिया। क्लब की लीज 2012 और 2017 में खत्म हो गई थी। क्लब ने जगह खाली कराते हुए हजारों करोड़ की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है। डीडीए द्वारा रोशनआरा क्लब परिसर को सील करना कई सवाल खड़े करता है। क्यों? क्योंकि इस क्लब की लीज अवधि हाल ही में खत्म हुई थी, इसी वजह से अप्रैल महीने में दिल्ली हाई कोर्ट ने क्लब के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। वह मामला फिलहाल हाई कोर्ट की एकल पीठ में विचाराधीन है। इसके बाद डीडीए की ओर से दो जजों की बेंच के सामने पेश अपील पुरालेख में उक्त आदेश में संशोधन का कोई जिक्र नहीं है।
इस मामले तक पहुंचने वाला पहला व्यक्ति क्लब प्रशासन न्यायालय था। उन्होंने 12 अप्रैल 2023 को जारी बेदखली आदेश को एकल पीठ में चुनौती दी। इसके जरिए डीडीए ने क्लब प्रशासन को क्लब को अपने कब्जे में लेने के निर्देश दिए थे। क्लब ने लीज अवधि के नवीनीकरण की नीति को बनाए रखने के लिए डीडीए को निर्देश देने की मांग करते हुए अदालत को चुनौती दी। बताया गया है कि दिल्ली में जिमखाना क्लब, चेम्सफोर्ड क्लब और दिल्ली रेस कोर्स जैसे कुछ बड़े क्लब हैं, जिनकी क्रोम लीज समाप्त हो चुकी है और उनके मुद्दे पर डीडीए विचार कर रहा है। जब तक डीडीए फिल्म की समाप्ति के खिलाफ है और एसोसिएटेड अपनी नवीनीकरण नीति को अंतिम रूप नहीं देता है, तब तक इंटरनेट को इसके खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से रोका जाना चाहिए।
उच्च न्यायालय को इन सहयोगियों में शक्ति और समर्थन दोनों दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि गोल्फ कोर्स क्लब की लीज 2018 में समाप्त हो गई थी और डीडीए ने उसी वर्ष इसका नवीनीकरण भी कर दिया था। कुछ ही समय में हाई कोर्ट ने क्लब के खिलाफ कड़ी कार्रवाई पर रोक लगा दी। बेदखली आदेश के खिलाफ कानूनी उपाय करने की अनुमति दी गई। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि वह इस तथ्य से अनभिज्ञ नहीं रह सकते कि वह 100 से अधिक प्राचीन कलाकारों में से एक हैं और उन्होंने विभिन्न प्रकार के खेलों में समाज के लिए बहुत योगदान दिया है।
यह भी पाया गया कि क्लब ने कभी-कभी अपने स्वामित्व वाले परिसर या डीडीए को दिए गए शुल्क के संबंध में कोई गलती नहीं की। अब उनके खिलाफ कार्रवाई का एकमात्र कारण यह है कि लीज खत्म हो गई है। इस मामले में डीडीए ने अपना जवाब दे दिया है। नोबेलिटी और शहरी मामलों के मंत्रालय के जवाब का इंतजार है। इस मामले की सुनवाई अगले साल 20 फरवरी तक के लिए टाल दी गई है।
दूसरी ओर, डीडीए ने जून में दो जजों की बेंच के समक्ष अपील की। उस पर अधिसूचना 2 जून को जारी की गई थी। कहा जा रहा है कि उनके निष्कासन आदेश के खिलाफ एक याचिका तीस हजारी अदालत में मजिस्ट्रेट न्यायाधीश के समक्ष लंबित है। 21 अप्रैल को हाई कोर्ट के स्थगन आदेश के कारण जज ने अपनी ही सुनवाई पर रोक लगा दी। हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने इक्विटी कोर्ट को आदेश से प्रभावित हुए बिना अपना फैसला पूरा करने का निर्देश दिया। 13 सितंबर को जब यह अपील सुनवाई के लिए आई तो दोनों ने कोर्ट को बताया कि डोमिनिक जज ने 9 अगस्त को अपनी सुनवाई पूरी कर ली है। हालाँकि, वो फैसला अभी आना बाकी है। दोनों पक्षों के वकीलों की मांग पर हाईकोर्ट ने सुनवाई 6 अक्टूबर तक बढ़ा दी।
डीडीए के मुताबिक, हाल के वर्षों में क्लब के कुछ सदस्यों की निजी संपत्ति चोरी हो गई है। इमारत जर्जर हालत में है और लोग अतिक्रमण वाली जगह पर झुग्गियां बनाकर रह रहे हैं। ब्रिटिश राज के दौरान स्टेट फॉर इंडिया काउंसिल की कंसल्टेंसी ने दो बार वास्तविक किराए के आधार पर 30 साल के लिए मुफ्त पट्टा दिया था। इसे 30-30 वर्षों के लिए दो बार खर्च किया गया। क्लब द्वारा दो पट्टों के परिणामों को अस्वीकार करने के बाद अंतिम कार्यकाल समाप्त हो गया। इसके बाद डीडीए ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की। 12 अप्रैल 2023 को संपदा अधिकारी ने रोशनआरा क्लब को 15 दिन के लिए जगह खाली करने का आदेश दिया। क्लब की ओर से हाई कोर्ट में अपील की गई। 12 अप्रैल को क्लब ने तीस हजारी को अदालत में चुनौती दी।