India News(इंडिया न्यूज़) sabarmati ashram: साबरमती आश्रम का नाम सुनते ही मन में चरखा चलाते हुए बापू की तस्वीर नजर आती है। अगर आप भीड़-भाड़ से दूर कुछ पल की शांति के लिए कहीं जाना चाहते हैं तो साबरमती आश्रम एक बार जरूर जाएं। साबरमती आश्रम (sabarmati ashram) को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और सरदार पटेल के राजनीतिक-सांस्कृतिक शहर के रूप में जाना जाता था। जब भी स्वतंत्रा संग्राम की बात चलती है तो साबरमती आश्रम की बात जरूर करते है। इस आश्रम को महत्व इसलिए दिया जाता है। गांधीजी ने अपने अनुयायियों के साथ साबरमती आश्रम से दांडी तक दांडी मार्च शुरू किया जो साबरमती से 241 मील दूर स्थित है। इस वजह से आश्रम को अब एक राष्ट्रीय स्मारक माना जाता है। यह वो जगह है जहां महात्मा गांधी अपनी पत्नी कस्तूरबा गांधी के साथ बारह वर्षों तक रहे थे।
साबरमती आश्रम को वास्तुकार चार्ल्स मार्क कोरिया द्वारा डिजाइन किया गया था और इसका उद्घाटन 1963 में जवाहरलाल नेहरू द्वारा किया गया था। गांधी स्मारक संग्रहालय, आश्रम में आने वाले इतिहास प्रेमियों के लिए प्रमुख आकर्षणों में से एक माना जाता है। साबरमती आश्रम को मगन निवास, हृदय कुंज, गांधी स्मारक संग्रहालय, विनोभा मीरा कुटीर, उद्योग मंदिर, सोमनाथ छात्रालय और उपासना मंदिर जैसे अलग-अलग खंडों में विभाजित किया गया है।
अहमदाबाद गैलरी में गांधीजी के जीवन की प्रमुख घटनाओं को दर्शाने वाले लगभग 50, हाथ से बनाए गए पैनल देख सकते हैं। मेरा जीवन मेरा संदेश गैलरी में 250 से अधिक तस्वीरें देख सकते हैं। संग्रहालय की दुकान से आप कुछ किताबें और यादगार वस्तुएं जैसे पोस्टकार्ड, चरखा मॉडल, चाबी का गुच्छा, पेन ड्राइव, स्टेशनरी, मूर्तियां आदि खरीद सकते हैं।
साबरमती आश्रम जाने के लिए पहले अहमदाबाद जाना होगा। यहां से साबरमती आश्रम 8 किलोमीटर दूर है। साबरमती आश्रम को वास्तुकार चार्ल्स मार्क कोरिया द्वारा डिजाइन किया गया था और इसका उद्घाटन 1963 में जवाहरलाल नेहरू द्वारा किया गया था। गांधी स्मारक संग्रहालय, आश्रम में आने वाले इतिहास प्रेमियों के लिए प्रमुख आकर्षणों में से एक माना जाता है।
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