सीबीआई (CBI) ने गुरूवार को सफदरजंग अस्पताल (Safdarjung Hospital) में बड़ी कार्रवाई करते हुए एक नयूरेसर्जन मनीष रावत समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया. इनपर आरोप है कि वे सर्जरी के बदले मरिजों से पैसा वसूला करते थे. शिकायत के अनुसार रोगियों को सर्जरी से पूर्व एक विशेष उपकरण खरीदने के लिए मजबूर किया जाता था.
‘डॉक्टर समेत पांच गिरफ्तार’
सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि गुरूवार को न्यूरोसर्जन मनीष रावत को गिरफ्तार कर लिया गया. सीबीआई ने दिल्ली समेत उत्तर प्रदेश के कई स्थानों पर भी छापेमारी की और इस मामलें में भ्रष्टाचार का खुलासा किया. न्युरोसर्जन मनीष रावत के साथ सीबीआई ने उनके चार सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया है. इनमें नई दिल्ली में कनिष्क सर्जिकल के मालिक दीपक खट्टर और बिचौलिए अवनीश पटेल, मनीष शर्मा और कुलदीप शामिल हैं।
‘पैसा लेकर ईलाज करता था डॉ’
सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी ने बताया कि मनीष रावत अस्पताल के नियमों को न मानते हुए मरिजों से पैसा लेकर उनकी ईलाज किया करता था. सूत्रों ने कहा कि हाल के तीन मामलें में कथित तौर पर बिचौलियों के माध्यम से 1.15 लाख, 55,000 और 30,000 रू. की रिश्वत ली गई थी.
यह भी पढ़ें- पीएम मोदी के खिलाफ पोस्टर लगाने के मामलें में अहमदाबाद से आठ लोग गिरफ्तार…
‘बिचौलिया करता मरिजों के परिजन था संपर्क’
आरोप है कि बिचौलिया मरिजों के परिजनों से संपर्क किया करता था और जल्दी डेट सुनिश्चित करने के लिए पैसो की डिमांड किया करता था. एवं जगंपुरा के खट्टर स्टोर से चिकित्सा से जरूरी सामग्री खरीदने के लिए मजबूर करता था.