इंडिया न्यूज, नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बदमाश संदीप त्यागी को गिरफ्तार कर लिया है। वह गत 19 मई को पटियाला हाउस के ट्रायल कोर्ट से पुलिसकर्मियों को चकमा देकर भाग गया था। संदीप के खिलाफ बागपत में पांच और दिल्ली के कई थानों और स्पेशल सेल में छह संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं।
डीसीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा ने बताया कि संदीप त्यागी, गांव खेकरा, बागपत, यूपी का निवासी है। उसके पटियाला हाउस स्थित ट्रायल कोर्ट से पुलिस को चकमा देकर हिरासत से फरार होने के बाद तिलक मार्ग थाना पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज किया था। उसके खिलाफ 11 मामले दर्ज हैं। जिनमें हत्या के चार, हत्या के प्रयास के तीन, फिरौती के लिए अपहरण का एक और डकैती का एक मामला दर्ज है। 2015 में उसने सुनील पहलवान और अन्य के साथ मिलकर दिल्ली में विशाल गुप्ता की हत्या कर दी थी। इस मामले में हर्ष विहार में केस दर्ज किया गया था। विशाल के पिता कैलाश चश्मदीद गवाह थे।
सुनील पहलवान और गिरोह के बदमाशों ने कैलाश पर समझौता करने और अदालत में बयान बदलने के लिए दबाव बनाया था। कैलाश उनके दबाव के आगे नहीं झुके। इस पर भजनपुरा के चौक चांद बाग में 21 जून 2016 को सुनील पहलवान और संदीप त्यागी समेत अन्य बदमाशों ने दिनदहाड़े कैलाश गुप्ता और उनके बेटे राजन गुप्ता पर अंधाधुंध फायरिंग की थी। घटना में कैलाश गुप्ता की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनका बेटा राजन और दो राहगीर बनवारी लाल और राम लखन गंभीर रूप से घायल हो गए थे। बाद में राजन के दोनों पैर काटने पड़े थे। भागते समय बदमाशों ने राहगीर जावेद की कार में भी टक्कर मार दी थी। इस मामले में गोकुलपुरी थाने में केस दर्ज किया गया था।
स्पेशल सेल ने छह जुलाई 2016 को मुठभेड़ के बाद सुनील पहलवान और संदीप त्यागी को गिरफ्तार कर लिया था। 2019 में गवाह के मुकर जाने पर दोनों को जमानत मिल गई थी।
जमानत पर रिहा होने के बाद संदीप त्यागी हत्या के प्रयास के एक मामले सहित दो अन्य आपराधिक मामलों में शामिल था। गत 19 मई संदीप के पटियाला हाउस कोर्ट से फरार होने पर स्पेशल सेल को उसे पकड़ने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। एसीपी ललित मोहन नेगी, इंस्पेक्टर संजय गुप्ता व राजेश कुमार की टीम ने 30 मई को हापुड़ से संदीप को गिरफ्तार कर लिया। उसने आइसीआइसीआइ बैंक में एजेंट के तौर पर काम करना शुरू किया था।
उसका चचेरा भाई सोनू भी अपराधी है। 2002 में इसने अपराध की दुनिया में कदम रखा। 2006 में इसने सोनू के साथ मिलकर संपत्ति विवाद के मामले में दो हत्याएं की। जेल से छूटने के बाद संदीप ने साथियों के साथ मिलकर चांदनी चौक में हवाला कारोबारी से लूटपाट की और फिरौती के लिए एक व्यवसायी का अपहरण कर लिया। फिलहाल आरोपी एक बार फिर सलाखों के पीछे है।
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