SC On Delhi Pollution: राष्ट्रीय राजधानी और उसे सटे इलाको में प्रदूषण से जुड़ी याचिका पर तुरंत सुनवाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया है। आपको बता दें कि कोर्ट ने पहले 10 नवंबर को सुनवाई करने की बात कही थी लेकिन आज चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता से कहा- “आप पराली जलाने पर रोक चाहते हैं? लेकिन क्या हम हर किसान को इसका आदेश दे सकते हैं? कुछ चीजें कोर्ट कर सकता है और कुछ नहीं। हम नहीं समझते कि इस मामले को तुरंत सुनने की जरूरत है।”
दरअसल, 4 नवंबर को वकील शशांक शेखर झा ने दिल्ली-एनसीआर में भयंकर वायु प्रदूषण को लेकर चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित मामले को सामने रखा था। उन्होंने कोर्ट को बताया था कि दिल्ली में AQI 500 के स्तर पर पहुंच गया है, लोगों के जीवन के अधिकार की रक्षा के लिए कोर्ट को दखल देना चाहिए। जिसके बाद चीफ जस्टिस ललित ने 10 नवंबर को मामला सुनवाई के लिए लगाने की बात कही थी।
मामले में सुनवाई के लिए वकील शशांक शेखर झा आज मौजूदा चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के पास पहुंचे। उन्होंने आग्रह किया कि इस मामले को जल्द सुना जाए लेकिन कोर्ट ने इस पर सुनवाई करने से मना कर दिया। दरअसल, इस याचिका में पराली जलाने की घटनाओं का जिक्र विशेष रूप से किया गया है। याचिकाकर्ता ने बताया है कि इस मामले में पंजाब सरकार बुरी तरह विफल रही है, हरियाणा समेत बाकी राज्यों में भी पराली जल रही है। याचिका में सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को कोर्ट में तलब कर उनसे जवाब मांगने का अनुरोध किया गया है।
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