India News(इंडिया न्यूज़)SC on Firecrackers:दिल्ली में प्रदूषण को रोकने के लिए पिछले कुछ सालों से दिवाली पर पटाखे बैन होते हैं। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि प्रदूषण से निपटने के लिए इस साल भी दिल्ली में पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया । सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली सरकार के इस फैसले पर हामी भरी है , सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली पर दिल्ली में पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के दिल्ली सरकार के फैसले पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है।
दिल्ली में दिवाली पर पटाखे फोड़ने का इंतजार कर रहे लोगों को झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली पर दिल्ली में सभी प्रकार के पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के दिल्ली सरकार के फैसले पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। केंद्र सरकार और पटाखा निर्माताओं ने इनके निर्माण को मंजूरी का अनुरोध किया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश में सभी जगह बेरियम युक्त पटाखों पर बैन रहेगा। बेरियम से बने पटाखे कोई नहीं जला सकता। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर को छोड़कर हर जगह ग्रीन पटाखों को जलाया जा सकता है।
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने हाल ही में राज्य में पटाखों के निर्माण, बिक्री और जमाखोरी पर बैन लगाया था। कोर्ट ने इससे पहले भी कहा था कि लोगों का स्वास्थ्य जरूरी है, न कि पटाखे जलाने।
दिल्ली सरकार के फैसला का दिल्ली भाजपा ने कड़ा विरोध किया था। भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल हिंदूओं को उनका त्योहार अच्छे से मनाने नहीं देना चाहते हैं। भाजपा नेता मनोज तिवारी ने भी सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार के खिलाफ याचिका डाली थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार ने जो फैसला लिया है उसका कड़े तरीके से पालन होना चाहिए।
पिछले तीन सालों से दिल्ली में पटाखों की बिक्री पर पूरी तरह रोक है। इसके बावजूद हर साल बड़ी संख्या में पटाखे फूटते हैं। पटाखों से जुड़े एक कारोबारी ने बताया कि पटाखों की डिमांड काफी अधिक है। लोग मुंहमांगे दाम चुकाने को तैयार रहते हैं। इसलिए इस समय जितने पटाखे मिलते हैं वह ले लेते हैं। दिवाली के आसपास यह पटाखे मुंह मांगे दामों पर बेचे जाते हैं।