इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
रामपुरा सरस्वती विहार के एसडीएम चद्रशेखर और तहसीलदार प्रेमचंद के साथ मिलकर 48 बच्चों को रेस्यूीए कर सहयोग केयर ने छुड़ाया। इन सभी बच्चों की उम्र 9 से 15 वर्ष की है, जिनमें 40 लड़के और 8 लड़कियां शामिल थे। इन सभी को मेडिकल जांच के बाद उन्हें बाल कल्याण समिति सेवा कुटीर के आदेश से चाइल्ड केयर होम भिजवाया गया और मौके पर ही 10 फैक्ट्रियों को सील किया गया।
सहयोग केयर टीम के निदेशक शेखर महाजन ने बताया कि इन मासूम नाबालिगों ने लारेंस रोड, रामपुरा, सरस्वती विहार, बवाना में एक तार बनाने वाली फैक्ट्री , बोतल बनाने, पॉलिशिंग, खिलौने और पंखे निर्माण इकाई में बंधुआ मजदूर के रूप में 15 से 16 घंटे काम कर रहे थे और उन्हें मेहनताना के रूप में प्रति दिन केवल 50 से 100 रुपये ही भुगतान किया जा रहा था।
तहसीलदार सरस्वती विहार प्रेमचंद, श्रमायुक्त कार्यालय की मदद से सहयोग केयर द्वारा यह अभियान चलाया गया, जो पूरी तरह सफल रहा। सहयोग केयर के निदेशक शेखर महाजन ने कहा कि कारखाने में किसी भी तरह के रोजगार में बच्चों से काम कराना अवैध है, जो वास्तव में बच्चों को उनके बचपन, नियमित स्कूल से वंचित करता है और यह उनके मानसिक, शारीरिक के लिए भी बहुत हानिकारक है।