इंडिया न्यूज,Delhi News : छात्र जीवन में अच्छी पुस्तकें जीवन में बदलाव लाने के लिए अहम भूमिका निभाती है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) ने छात्रों में अच्छी पुस्तक पढ़ने की रूचि बढ़ाने के लिए निजी स्कूलों की तर्ज पर पुस्तकालय स्थापित करने की पहल शुरू की है। छात्रों को अच्छी शिक्षा के साथ-साथ पुस्तकालय भी मिल सके। इसके लिए अब विशेष बल दिया जा रहा है। नई शिक्षा नीति में भी विभिन्न बुनियादी कौशलों के विकास के लिए अच्छी पुस्तक पढ़ने की रूचि को महत्वपूर्ण माना गया है। इसके लिए एसडीएमसी 125 स्कूलों में पुस्तकालय बनाने का निर्णय लिया है।
निगम विद्यालयों में मौजूद पुस्तकालयों के आधारभूत ढांचे को आकर्षक बनाकर छात्रों के अनुसार बनाने के लिए पहल शुरू कर दी है। इसके लिए वह गैर सरकारी संगठन के साथ मिलकर कार्य कर रहा है। इन पुस्तकालयों में सभी उम्र के बच्चों के लिए उनकी रूचि के अनुसार पुस्तकें उपलब्ध होंगी। निगम के शिक्षा विभाग ने मध्य क्षेत्र में स्थित 56 विद्यालयों में तुगलकाबाद एक्सटेंशन, कालकाजी, प्रेम नगर, आश्रम और दक्षिणी क्षेत्र के 39 विद्यालयों में अंबेडकर नगर, खानपुर, देवली, पुष्प विहार, आर के पुरम व पश्चिमी क्षेत्र के 30 विद्यालयों में टैगोर गार्डन, रघुबीर नगर, सुभाष नगर में पुस्तकालय स्थापित किए गए हैं।
इसके अलावा निगम के जिन प्राथमिक विद्यालयों में पुस्तकालय के लिए अलग से कक्ष उपलब्ध नहीं है वहां 73 रीडिंग कार्नर स्थापित किए गए हैं। ताकि उक्त विद्यालयों के विद्यार्थी अपनी इच्छा के अनुसार पढ़ाई कर सकें। एसडीएमसी के आयुक्त ज्ञानेश भारती ने बताया कि जब कोई बच्चा अच्छी किताब पढ़ता है तो उसके आने वाले जीवन का भविष्य बेहतर होता है तथा उसके जीवन में रौशनी का नया द्वार खुलता है। बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके यह सबसे जरूरी है। बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके यह सबसे जरूरी है। कोई भी छात्र अच्छी पुस्तकों से दूर न रहे इसके लिए हर आवश्यक प्रयास किए जाएंगे। इसके साथ ही छात्रों को प्रेरणादायक पुस्तकें पढ़ने के लिए प्रेरित करना होगा ताकि बच्चों में नैतिक विकास हो सकें।
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