India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Service charge debate: कॉनॉट प्लेस के दर्जी बार एंड किचन में यह एक आम शाम थी, लेकिन सर्विस टैक्स के भुगतान को लेकर एक डिनर करने आए व्यक्ति और जनरल मैनेजर के बीच हाथापाई हो गई। इंटरनेट पर वायरल हो रहे एक क्लिप में दोनों को हाथापाई करते और एक-दूसरे को गालियां देते हुए देखा जा सकता है।
रेस्टोरेंट के महाप्रबंधक देविंदर सिंह ने हमें बताया, “यदि ग्राहक छूट पाने के लिए किसी अन्य ऐप का उपयोग नहीं कर रहा है, तो हम अनुरोध पर सेवा शुल्क माफ कर देते हैं। हम उस बिल पर अतिरिक्त 300 रुपये की छूट देकर नुकसान नहीं उठा सकते, जिस पर पहले से ही 1,200 रुपये की छूट है।”
रेस्टोरेंट मालिकों के लिए, पहले से ही प्रतिस्पर्धी उद्योग में सेवा शुल्क लगाना एक राहत की बात है। क्यूडीएस के निदेशक अखिल मलिक कहते हैं, “रेस्तरां मालिकों को ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए तीसरे पक्ष के प्लेटफॉर्म पर निर्भर रहना पड़ता है और इसके लिए उन्हें कमीशन देना पड़ता है। इसलिए, रेस्टोरेंट के लिए मार्जिन सुनिश्चित करने के लिए सेवा शुल्क एक महत्पूर्ण हिस्सा है।”
खाने वालों को लगता है कि सर्विस चार्ज उनके विवेक पर निर्भर करता है। गुरुग्राम के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर आलोक शुक्ला कहते हैं, “कर और सेवा शुल्क दोनों मिलकर इतने भारी होते हैं कि किसी तीसरे पक्ष के ऐप पर हमें मिलने वाली कोई भी छूट खत्म हो जाती है। यह चुनना मेरा अधिकार है।” फूड ब्लॉगर पवन सोनी इस बात से सहमत हैं। वे कहते हैं ” फूड इंडस्ट्री में, एक कीमत होनी चाहिए – एमआरपी, जिसे रेस्तराँ मालिकों को अपने मेनू में सभी इंक्लूसिव चार्ज को दर्शाने के लिए लिखना चाहिए।”