इंडिया न्यूज, Gurugram news : शब्द शक्ति साहित्यिक संस्था के तत्वावधान में द्रोणाचार्य राजकीय महाविद्यालय में लोकार्पण समारोह एवं पुस्तक चर्चा का आयोजन किया गया। उक्त समारोह की शुरुआत संस्कृति गौड़ ने संगीतमय सरस्वती वंदना से की। इसके पश्चात अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम का संचालन संस्थापक अध्यक्ष नरेन्द्र गौड़ ने किया।
समारोह में रोहतक के वरिष्ठ साहित्यकार मधुकांत, आशा खत्री लता, दिल्ली से डायमंड पॉकेट बुक्स के संपादक एमएम चंद्रा, घमंडीलाल अग्रवाल, उमेद सिंह, कृष्ण कटारिया आदि उपस्थित थे। अतिथिगण के कर कमलों से लाडो कटारिया के लघुकथा संग्रह मेरी मिनी को लोकार्पित किया गया।
सविता उपाध्याय ने पुस्तक की विस्तृत समीक्षा प्रस्तुत करते हुए पुस्तक को धरोहर की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि समाज की प्रमुख समस्याओं के साथ पारिवारिक समस्याओं को पुस्तक में समाहित किया गया है। इसमे रूढ़िवादी परंपराओं के प्रति असंतोष है तो उससे मुक्ति के उपाय भी बताये गये हैं। ततैया की तरह डंक मारती हुई एवं किसी फुलझड़ी सी आंखों को चकाचौध कर अंतस को जगाने वाली लघुकथाएं प्रभावित करती हैं।
डा. मनोज तिवारी ने सकारात्मक व नकारात्मक दोनों पक्षों का बड़ी बेबाकी से विश्लेषण किया। उन्होंने संग्रह को पारिवारिक, सामाजिक सरोकारों, पर्यावरण व प्रयोगात्मक चार भागों में विभाजित कर समीक्षा प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि संग्रह में जहां कुछ लघुकथाएं प्रेरक हैं, वहीं एक-दो लघुकथाओं में समाज के प्रति नकारात्मक संदेश भी है। कुछ कथ्य ऐसे हैं जो लघुकथा के लिए उपयुक्त नहीं है, जिसके प्रति लेखक को सचेत रहने की आवश्यकता है। माही ने बहुत सुंदर भजन प्रस्तुत कर वातावरण को संगीतमय कर दिया।
आरएस बोकन ने लेखिका के स्वकथन का पाठ किया। उन्होंने कहा कि भावनाओं की दृष्टि से संदेश प्रेरक लघुकथाएं साधुवाद के पात्र हैं। एमएम चंद्रा ने बड़े साफगोई से अपनी बात कही साहित्य समाज का निर्माण करता है, उन्हें परिष्कृत करता है।
उन्होंने साहित्यकारों से आह्वान किया कि लघुकथा की सैद्धांतिकी तय कर इस विद्या में अपना योगदान दें। आशा खत्री लता ने कहा कि लेखिका के कृतित्व व व्यक्तित्व में साम्यता देखने को मिलती है। घमंडी लाल अग्रवाल ने सार्थक महिला लेखन की बात करते हुए कहा कि हरियाणा में सबसे ज्यादा महिलाएं गुरुग्राम में सृजनरत हैं।
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