इंडिया न्यूज, गुरुग्राम (Indian Economy news)। भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. अनंत नागेश्वरन ने बताया कि भारत ने कोविड-19 महामारी के कारण संकट से उबरने में एक अनुकरणीय लचीलापन दिखाया है। अर्थव्यवस्था की सभी प्रमुख गतिविधियों और मापदंडों ने अपने कोविड पूर्व स्तरों को पार कर लिया है। साथ ही भारत सरकार द्वारा नीतिगत स्तर पर त्वरित और सटीक कदम उठाए गए हैं, जो समय पर हस्तक्षेप और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा समर्थित हैं। यह बात उन्होंने यहां हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) में भारतीय अर्थव्यवस्था, संभावनाएं, चुनौतियां और कार्य बिंदु पर एक विशेष व्याख्यान देने के दौरान कही।
डॉ. नागेश्वरन ने कहा कि अन्य विकासशील और विकसित देशों की अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में, भारतीय अर्थव्यवस्था विभिन्न बुनियादी बातों में दृढ़ और स्थिर है। पूरा विकसित विश्व निम्न मुद्रास्फीति से उच्च मुद्रास्फीति की ओर बढ़ रहा है। ऐसे समय में हम मुद्रास्फीति के दबाव को नियंत्रण में रखने में कामयाब रहे हैं। उन्होंने प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था के उज्ज्वल पहलुओं के बारे में विस्तार से चर्चा की।
मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुमानों के अनुसार वर्ष-2027 तक भारत पांच ट्रिलियन डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद के आकार को प्राप्त करने की ओर बढ़ रहा है। यह आशा पर्याप्त रूप से पूंजीकृत बैंकिंग क्षेत्र, वित्तीय संस्थानों और कॉरपोरेट्स की बैलेंस शीट, विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में स्थिर वृद्धि और निर्यात में लगातार ऊपर की ओर देखे जा रहा रुझान जैसे कई मजबूत कारकों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि आज हमारे पास निजी निवेश का मजबूत पुनरुद्धार है और देश के पास अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव का सामना करने के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है।
हमारे पड़ोस में विफल अर्थव्यवस्थाओं और युद्ध के कारण व्यवधानों से उत्पन्न आशंकाओं को भी डॉ. नागेश्वरन ने दूर किया। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत में डिजिटल भुगतान में वृद्धि अनौपचारिक क्षेत्र में तेजी से बदलाव का पर्याप्त संकेत है। उन्होंने कहा कि सरकार पूंजीगत व्यय को एक बड़ा पुश देने की अनिवार्यता के बारे में जानती है और उसके पास आने वाले समय में इसे बनाए रखने के लिए आवश्यक संसाधन हैं। इससे पहले हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान, गुरुग्राम की महानिदेशक सुरीना राजन ने डॉ. नागेश्वरन का स्वागत किया। संस्थान में नीति अध्ययन केंद्र के प्रमुख डॉ. केएल प्रसाद ने कार्यक्रम का संचालन किया।
यह भी पढ़े : 30 से 32 प्रतिशत वायु प्रदूषण दिल्ली में ही होता है पैदा : गोपाल राय
यह भी पढ़े : दिल्ली का मौसम कभी भी ले सकता है करवट, कभी भी आ सकती है आंधी-बारिश
Connect With Us : Twitter | Facebook | Youtube