India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Summer Action Plan: वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली में ग्रीष्मकालीन कार्य योजना 15 जून से लागू होने जा रही है, इसे वातावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया। राय ने दिल्ली सचिवालय में पत्रकारों के साथ एक वार्ता के दौरान यह जानकारी दी कि यह कार्य योजना मुख्य रूप से वृक्षारोपण पर ध्यान केंद्रित करेगी।
Summer Action Plan: 15 जून से होगी शुरू
15 जून से 15 सितंबर तक दिल्ली में सरकार द्वारा ग्रीष्मकालीन कार्य योजना शुरू होने जा रही है। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए यह कार्य योजना मुख्य रूप से वृक्षारोपण पर ध्यान केंद्रित करेगी। वातावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि 30 विभागों के प्रतिनिधियों की शामिली से बृहस्पतिवार को एक बैठक की गई थी।इस बार ग्रीष्मकालीन कार्य योजना का फोकस 12 प्रमुख बिंदुओं पर होगा, जिनमें वृक्षारोपण, पानी की बचत, जलसंसाधन के प्रबंधन, और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के उपाय शामिल होंगे।
राय ने यह भी बताया कि पिछले साल यह कार्य योजना एक मई से लागू हुई थी, लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण इसे 15 जून से शुरू किया जा रहा है। इसके अलावा, वे बताए कि सरकार ने इस योजना को 15 सितंबर तक लागू करने का निर्णय लिया है और इसका मकसद दिल्ली के वातावरण में सुधार करना है।
पीछे की वजह
गोपाल राय ने बताया कि हरित एजेंसियों को उनकी कार्य योजना तैयार करने के लिए निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि 24 मई से 12 जून के दौरान दिल्ली का वायु गुणवत्ता इंडेक्स “मध्यम” से “खराब” श्रेणी के बीच रहा। इस अवधि में गर्मियों के प्रदूषण में धूल के कणों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।राय ने आगे कहा कि सभी एजेंसियां मिलकर 15 जून से 30 जून तक “धूल विरोधी अभियान” चलाएंगी। इस अभियान के तहत 580 गश्ती दल निरीक्षण करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण उपायों का पालन सही ढंग से हो रहा है।
योजना के मुख्य पॉइंट्स
वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली में ग्रीष्मकालीन कार्य योजना 15 जून से लागू होने जा रही है।
- वृक्षारोपण: दिल्ली सचिवालय में 18 जून को सभी हरित एजेंसियों के साथ एक बैठक बुलाई गई है, जिसमें वृक्षारोपण अभियान पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- वृक्ष प्रत्यारोपण नीति: प्रत्यारोपित पेड़ों के जीवित रहने की दर में वृद्धि की निगरानी के लिए एक स्पेशल टीम की गठन किया जाएगा।
- डस्ट प्रदूषण: 15 जून से 30 जून तक “धूल विरोधी अभियान” चलाया जाएगा। 580 पेट्रोलिंग टीमें सुनिश्चित करेंगी कि निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण उपाय सही ढंग से किए जा रहे हैं।
- ओपन बर्निंग: खुले में कूड़ा जलाने को रोकने के लिए 1269 कर्मियों की 573 पेट्रोलिंग टीमें तैनात की जाएगी।
- औद्योगिक प्रदूषण: 33 टीमें अवैध रूप से औद्योगिक क्षेत्र में कचरे की डम्पिंग की निगरानी के लिए तैनात की गई हैं।
- नगर वनों का विकास: सात नगर वनों का सुधार किया जाएगा और तीन नए नगर वन बनाने का प्रस्ताव किया गया है।
- जलाशयों का विकास: 1367 झीलों की उपस्थिति की जांच होगी और 73 जलाशयों के पुनरुद्धार का कार्य किया जाएगा।
- पार्क का विकास (हरित पार्क): 1500 पार्कों-उद्यानों के विकास और रखरखाव के लिए आरडब्ल्यूए/गैर-सरकारी संगठनों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
- ई-वेस्ट इको पार्क: ई-वेस्ट इको पार्क बनाया जा रहा है जिससे ई-वेस्ट कूड़े से होने वाले प्रदूषण को रोका जाएगा।
- इको क्लब एक्टिविटी: दिल्ली के दो हजार स्कूलों व कालेजों में इको क्लब चल रहे हैं और सक्रिय क्लबों में स्कूल-कालेज से 10-20 इको-क्लब शिक्षकों की एक कोर टीम भी गठित की जा रही है।
- ठोस कचरा प्रबंधन: तीनों डम्पिंग साइट पर बायो माइनिंग कार्य किया जाएगा और साथ ही साथ निगरानी भी की जाएगी।
- पड़ोसी राज्यों से संवाद: प्रदूषण नियंत्रण के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ संवाद स्थापित किया जाएगा और पराली जलाने को नियंत्रित करने की तैयारी की जाएगी।