Supertech Twin Towers: सुपरटेक ट्विन टावर को गिराने का सिलसिला जोरो पर है और अब इसकी सभी तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं। 28 अगस्त को दोनों अवैध टावरों को गिरा दिया जाएगा। आपको बता दे इस दौरान सेंट्रल बिल्डिंग रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट रुड़की की एक टीम 25 अगस्त से नोएडा में ही रहेगी। इस दौरान टीम रोजाना सुपरटेक ट्विन टावर के ऊपर अध्ययन करेगी। टीम घ्वस्तीकरण के दिन यानी 28 अगस्त को थर्मल कैमरे, हाई स्पीड कैमरे और अन्य हाईटेक मशीनों के जरिए टावर की निगरानी की जाएगी। साथ ही 25 अगस्त से ही नोएडा प्राधिकरण की एक टीम गैस पाइप लाइन को बंद करने के साथ-साथ कई अन्य बंदोबस्तों का जायजा लेगी।
आपको बता दें कि धमाके के दौरान गैस पाइप लाइन को शेड कुशन से कवर किया गया है। एडीफाइस एजेंसी ने भी दावा किया है कि धमाके का गैस पाइप लाइन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। आईआईटी चेन्नई की ओर से भी कंपन मापने के लिए यंत्र लगाए जाएंगे। ब्लास्ट के दिन ट्विन टावर के पास सिर्फ 10 लोग ही मौजूद होंगे, जिसमें एडिफिस इंजीनियरिंग के प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता और दक्षिणी अफ्रीकी कंपनी जेट डिमोलिशन के 7 विशेषज्ञ शामिल होंगे। इसके साथ इंडियन ब्लास्टर भी मौजूद रहेंगे।
इसके साथ ही 28 अगस्त को 2.30 बजे से कुछ देर पहले यातायात को भी डायवर्ट कर दिया जाएगा। इसके साथ ही कुछ देर के लिए नो फ्लाई जोन घोषित कर दिया जाएगा। इस दौरान सीबीआरआई की टीम ब्लास्ट की पल-पल की हलचल पर नजर रखेगी। इसके लिए ड्रोन कैमरे, थर्मल सेंसर और आरजीवी कैमरे सहित कई उपकरण मौके पर लगाए जाएंगे।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद बिल्डर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2021 को खरीदारों के पक्ष में फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 31 अगस्त ट्विन टावर तीन महीने के अंदर ध्वस्त करने का आदेश दिया था, लेकिन किसी कानून के दांव-पेंच में यह लगातार आगे खींचता चला गया। सुप्रीम कोर्ट के तीन डेडलाइन देने के बावजूद भी किसी न किसी कारण टावर का ध्वस्तीकरण रुका रहा।
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