India News(इंडिया न्यूज़)Supreme Court: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने ईडी पर बड़े सवाल उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट में कहा कि नई नीति से राजस्व बढ़ा है, घाटा नहीं। इस मामले में पैसों का कोई लेन-देन नहीं है, जिनके खिलाफ सबूत थे वे भी जमानत पर हैं। दिल्ली शराब घोटाला मामले में जमानत की मांग को लेकर मनीष सिसौदिया ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। एक्साइज पॉलिसी मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और ईडी मामले में मनीष सिसौदिया की जमानत पर सुनवाई की। दिल्ली हाई कोर्ट ने दोनों मामलों में जमानत देने से इनकार कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा गया कि सिसोदिया भ्रष्टाचार के गंभीर मामले में आरोपी हैं। सिसौदिया को जमानत नहीं दी जानी चाहिए। सिसौदिया ऐसे मामलों में जमानत के लिए ट्रिपल टेस्ट में खरे नहीं उतरते क्योंकि वह राजनीतिक रूप से प्रभावशाली हैं।
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने ईडी पर बड़े सवाल उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट में कहा कि नई नीति से राजस्व बढ़ा है, घाटा नहीं। इस मामले में पैसों का कोई लेन-देन नहीं है, जिनके खिलाफ सबूत थे वे भी जमानत पर हैं। सरकारी गवाह बनने के बाद आरोपियों को जमानत मिल गई। उनके खिलाफ रिश्वत मांगने या लेने का कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है, उनके खिलाफ आरोप मनगढ़ंत हैं।
सिंघवी ने कहा कि एलजी ने कुछ जोन में शराब की दुकानें खोलने की इजाजत नहीं देने की नीति बनाई है, यह नीति इस आधार पर बनाई गई है कि नीलामी के बाद इसकी इजाजत दी जाएगी। एलजी ने जुलाई 2022 में पत्र लिखकर अनियमितताओं का आरोप लगाया था। मामला सीबीआई को भेजा गया। 17 अगस्त को CBI FIR, 22 अगस्त को ECIR। मुझे करीब 8 महीने से गिरफ्तार किया गया है। दुर्भाग्य से, राजनीति में कुछ उच्च-मूल्य वाले लक्ष्य हैं जिनसे बचना नहीं चाहिए।
मैं हर साल अपना फोन बदलता रहता हूं, ये सभी कड़वे सच हैं। पुरानी नीति में थोक विक्रेता भी निर्माता थे और उनकी खुदरा दुकानें भी थीं। वे 65-70 फीसदी तक मुनाफा कमा रहे थे। नई नीति ने अनुचित लाभ की गुंजाइश सीमित कर दी और इसे 12% पर सीमित कर दिया। सिसौदिया की ओर से पेश अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि आरोप तय नहीं हुए हैं, वे पूरक आरोप पत्र दाखिल करते रहते हैं, दस्तावेजों की आपूर्ति जारी है। सीबीआई मामले में 31,423 दस्तावेज़ और 294 गवाह हैं, अन्य में 21,685 दस्तावेज़ और 162 गवाह हैं। इस मामले में कुल 50,000 दस्तावेज़ और 400 से अधिक गवाह हैं।
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