India News Delhi (इंडिया न्यूज), Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने पर्सनल स्वतंत्रता को महत्वपूर्ण मानते हुए एक नया मामला सामने रखा है। उन्होंने कहा है कि दिन की हर एक देरी का महत्व होता है, खासकर जब नागरिकों की स्वतंत्रता पर नजर रखी जाती है। इस बारे में SC ने दिल्ली HC की ओर से जमानत अर्जी के एक लंबे समय से लंबित रहने पर अपनी असंतुष्टि जताई है। उन्होंने कहा कि शराब नीति से संबंधित करप्शन मामले में फैसले के लिए दिल्ली HC को निर्देश दिया गया है, ताकि इस मामले का निर्णय त्वरित हो सके।
यह एक मामला है जिसमें दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले की सुनवाई कई बार टाली गई है। याचिकाकर्ता अमनदीप सिंह ढल ने सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस B.R गवई की अगुवाई वाली बेंच के सामने यह बताया कि उनकी जमानत अर्जी दिल्ली हाई कोर्ट में अभी भी पेंडिंग है। उन्हें दिल्ली शराब नीति मामले में आरोपी माना जाता है और इस मामले की सुनवाई के लिए हाई कोर्ट ने जुलाई 2024 को तारीख तय की है। यह सुनवाई कई बार टाली गई है। इस मामले में फैसले के खिलाफ याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर अपनी याचिका दर्ज करवाई है।
कपिल सिब्बल, एक वरिष्ठ एडवोकेट, ने आरोपी की पक्ष से उठाया कि मामले की सुनवाई के दौरान रेगुलर बेल पर 40 बार सुनवाई हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं आया है। उन्होंने कहा कि सुनवाई का निष्कर्ष अब लेना आवश्यक है और इसे अठ जुलाई के लिए टाल दिया गया है। सिब्बल ने मामले की सुनवाई के लिए मई महीने को चुना और गर्मियों की छुट्टी के पहले फैसला होने की अपील की। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में नागरिकों की स्वतंत्रता को महत्व देते हुए हाई कोर्ट से अपील की कि वह मामले में गर्मियों की छुट्टी से पहले फैसला करे। यह मामला 11 महीनों से पेंडिंग है और रेगुलर बेल की अर्जी का मामला है।
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