India News(इंडिया न्यूज़), Supreme Court: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता महुआ मोइत्रा की याचिका पर शुक्रवार (15 दिसंबर) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है। अदालत ने कदाचार के कारण लोकसभा से अपनी सदस्यता खत्म होने के खिलाफ याचिका दायर किया था। टीएमसी नेताओं की याचिका पर जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने मामले की सुनवाई की। महुआ मोइत्रा उसके जाने के बाद से इसे वापस पाने के लिए कानूनी प्रक्रिया का सहारा ले रही हैं।
मोइत्रा ने रविवार को अपनी सुनवाई के लिए तारीख पाने की बहुत कोशिश की। भारत के मुख्य न्यायाधीश दिवाई चंद्रचूड़ ने आश्वासन दिया है की शीर्ष अदालत मामले में तत्काल सूचीबद्ध करने पर विचार करने की सलाह दी है। महुआ को पिछले शुक्रवार को कैश फॉर क्वेरी मुद्दे पर संसद से निष्कासित कर दिया गया था।
लोकसभा मे मोइत्रा को हटाने का प्रस्ताव लाया गया था। जिसे मंजूरी दे दी। इस दौरान विपक्षी सांसदों संसद से बाहर चले गये थे। एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से कैश एंड गिफ्ट्स लिए थे। कमिटी ने इस हरकत के कारण समिति ने उन्हें लोकसभा से निष्काषित कर दिया था।
मोइत्रा ने अपनी याचिका में संसद सदस्यों को चुनौती दी है। उनका कहना है कि एथिक्स कमेटी के निष्कर्षों पर चर्चा के दौरान आम जनता के बीच अपने बचाव का विचार ही नहीं आया। उन्हें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उन्हें एक बार फिर नियुक्ति मिल सकती है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो आम चुनाव में जीत के बाद ही लोकसभा मे वापसी हो सकती है।