इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ हफ्तों में कोविड के मामलों में तेजी आई है और कोविड परीक्षण की सकारात्मकता दर बढ़ी है। लेकिन विशेषज्ञों ने इसे सामान्य बताया है। उन्होंने कहा है कि यह कोई नई लहर का संकेत नहीं है। लोगों को अभी भी संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए बुनियादी सुरक्षा उपायों का ख्याल रखना चाहिए। महामारी वैज्ञानिक डॉ चंद्रकांत लहरिया ने कहा है कि परीक्षण सकारात्मकता दर सामान्य है। सामान्य रूप से संक्रमण हो रहा है। यह कोई नई लहर नहीं है।
अस्पतालों में कोरोना मरीजों के भर्ती होने की दर भी कम है। उनका मानना है कि यदि अधिक परीक्षण होग, तो मामलों की संख्या अधिक होगी। अस्पताल में भर्ती दर के साथ मृत्यु भी दर देखें, तो बहुत अधिक चिंता की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा है कि इसको लेकर किसी बड़ी तैयारी की आवश्यकता नहीं है, जरूरी है कि लोगों की सार्वजनिक जांच होती रहे और लोगों का मास्क पहनना जरूरी है। लोगों को टीका लगवाना चाहिए और पहले से बीमार व्यक्तियों को अधिक सावधानी बरतनी चाहिए।
लोगों को समझना चाहिए कि वायरस अभी भी हमारे बीच है। लेकिन मास्क पहनना सरकार की तरफ से अनिवार्य नहीं किया जाना चाहिए। कोरोनो वायरस को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय टास्क फोर्स के सह अध्यक्ष डॉ. राजीव जयदेवन ने कहा है कि परीक्षण सकारात्मकता दर नहीं बढ़ी है, यह डेल्टा वैरिएंट के जैसा नहीं है।
इसलिए इसे बड़ी लहर नहीं कहा जा सकता है। सफदरजंग अस्पताल के सामुदायिक चिकित्सा प्रमुख डॉ. जुगल किशोर ने कहा है कि दिल्ली में मौजूदा समय केवल उन लोगों का परीक्षण किया जा रहा है, जिनमें कोरोना के लक्षण हैं। लेकिन लक्षण केवल तीन दिनों तक रह रहे हैं। एक सप्ताह के भीतर मामलों में कमी आना शुरू होने की उम्मीद है।
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