Friday, June 28, 2024
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Swati Maliwal Assault Case Update: स्वाति मालीवाल केस में PIL लगाने वाले वकील को पड़ी फटकार; HC ने कहा- 'पब्लिसिटी पाने को...'

India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Swati Maliwal Assault Case Update: दिल्ली हाईकोर्ट ने जनहित याचिका दायर करने वाले एक वकील पर गुस्सा जताया है जिसने स्वाति मालीवाल के साथ हुए कथित हमले के मामले में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने यह ठान लिया कि यह याचिका बस पब्लिसिटी के लिए है और इसमें राजनीतिक रंग दिख रहा है। याचिकाकर्ता वकील ने अपनी याचिका में मीडिया को स्वाति मालीवाल का नाम प्रकाशित करने से रोकने की मांग की थी।

Swati Maliwal Assault Case Update: जानिए क्या है कोर्ट का कहना

हाईकोर्ट ने यह कहते हुए गुस्सा जताया कि जब स्वाति मालीवाल खुद घटना के बारे में बात कर रही हैं, तो याचिकाकर्ता के द्वारा इसमें हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है। अदालत ने यह भी कहा कि पीड़िता की ओर से कोई शिकायत नहीं है, बल्कि यह याचिकाकर्ता हैं जो शिकायत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है। यह स्पष्ट था कि याचिकाकर्ताओं की दृष्टि कुछ अस्पष्ट और रंगीन है, और उन्हें पीड़िता को शर्मिंदा करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

नहीं है याचिकाकर्ता की ज़रुरत

बेंच ने व्यक्त किया कि यदि पीड़िता खुद टेलीविजन चैनलों पर जाकर बात कर रही हैं, तो याचिकाकर्ता की याचिका की जरूरत क्या है, जो जनहित याचिका के रूप में दायर की गई है। उन्होंने कहा कि इस जनहित याचिका के पीछे एक राजनीतिक रंग है। अदालत वकील संसार पाल सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें मालीवाल पिटाई मामले में मीडिया द्वारा पीड़िता की पहचान उजागर करने पर रोक लगाने तथा उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है, जिन्होंने जानबूझकर एफआईआर के कंटेंट के साथ पीड़िता की पहचान उजागर की है।

Swati Maliwal Assault Case Update: दर्ज की जायेगी शिकायत

बेंच ने वकील को चेतावनी दी कि उनके खिलाफ बार काउंसिल में शिकायत दर्ज की जाएगी और यह भी कहा कि याचिका बिना उचित शोध के दायर की गई है। उन्होंने कहा कि वकील पब्लिसिटी के लिए इसे कर रहे हैं और उन्हें बार काउंसिल में शिकायत की जानी चाहिए। इस पर याचिकाकर्ता के प्रतिनिधित्व करने वाले वकील योगेश स्वरूप ने याचिका वापस लेने की स्वतंत्रता मांगी। हाईकोर्ट ने बहस के बाद इसे स्वीकार किया और याचिका को वापस लिया, जिसके बाद यह मामला खारिज किया गया।

ये है मामला

याचिका में पूछे गए सवालों में वकील योगेश स्वरूप ने धारा 354 के अनुसार संवेदनशील मामलों में पीड़िता के नाम का प्रसार नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि फिलहाल के मामले में समाचार चैनलों और समाचार रिपोर्टों में पीड़िता के नाम के साथ एफआईआर दिखाई गई है, जो दिल्ली हाईकोर्ट के निर्णयों के खिलाफ है।

उन्होंने याचिका में कुछ मीडिया हाउसों को एफआईआर की सामग्री के साथ पीड़िता का नाम प्रसारित या पोस्ट न करने की मांग की थी। याचिका में कहा गया था कि किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना भी एक यौन अपराध है और ऐसे मामलों में पीड़िता के नाम के साथ-साथ मामले के पूरे तथ्यों को उजागर, प्रकाशित या प्रसारित नहीं किया जाना चाहिए।

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